कहा जाता है हनुमान जी अपने भक्तों के भक्तिभाव और प्रेमभाव से अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें फलीभूत कर देते है. ऐसे में सभी हनुमान भक्त अलग-अलग तरीकों से हनुमान जी की आराधना करते है और उन्हें खुश करते हैं. ऐसे में कुछ भक्त हनुमान चालीसा, संकटमोचन हनुमान अष्टक और बजरंग बाण का पाठ कर उनकी आराधना करते है तो कुछ मंत्र जप द्वारा उन्हें खुश करते है. ऐसे में अगर आप भी हनुमान जी को खुश करना चाहते हैं तो इस मंत्र से कर सकते हैं. जी हाँ, आज हम आपको एक ऐसे ही मंत्र के बारे में जानकारी देने वाले है जो हनुमान जी को अति प्रिय है. आप सभी को बता दें कि शास्त्रों में इसे हनुमान जी द्वाद्श्याक्षर मंत्र के नाम से पुकारा गया है और इस मंत्र द्वारा हनुमान जी की आराधना से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण हो जाती है. कहते हैं इस मंत्र के विषय में ऐसी मान्यता है कि पूर्व-काल में भगवान श्रीकृष्ण ने यह मंत्र अर्जुन को बताया था, तथा इसकी साधना करके उन्होंने न केवल हनुमान जी को प्रसन्न ही कर लिया था, अपितु उनकी कृपा से त्रैलोक्य-विजयी का पद भी पाया था. इसी के साथ आपको बता दें कि इस मंत्र के वशीभूत होकर हनुमान जी महाराज महाभारत के युद्ध में अर्जुन के रथ की ध्वजा पर सदैव विराजमान रहे थे और उसे कभी झुकने नहीं दिया था और हनुमान जी के संरक्षण में रहते हुए ही अर्जुन ने उस महायुद्ध में विजय प्राप्त की थी . आप सभी को बता दें कि हनुमान जी के इस मंत्र का जप नियमित रूप से पूजा के समय किया जा सकता है और इसे प्रतिदिन 3 माला जपनी चाहिए. मंत्र - हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट् इन उपायों को करने से दूर होगा अकारण भय मकर संक्रांति पर करें इन सूर्य मन्त्रों का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी इस दिन 'शंख' का पूजन करने से बदल जायेंगे आपके भाग्य