पहने लाल लंगोट हाथ में है सोटा दुश्मन का करते हैं नाश भक्तों को नहीं करते निराश प्रभु मुझ पर दया करना मैं तो आया हूँ शरण तिहारी तेरी प्यारी सी मनभावन मूरत जब-जब देखूं मैं जाऊं बलिहारी सदा पूरी तुम मेरी हर इक आस करना हनुमान बाबा मुझे न निराश करना तेरी भक्ति से आत्मा को मिलता आराम है सबसे बड़ा मन्त्र जय हनुमान जय श्री राम है हे हनुमान तुम हो सबसे बेमिसाल तुमसे आँख मिलाये किसकी है मजाल सूरज को पल में निगला अंजनी के लाल मूरत तेरी देखकर भाग जाये काल बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता है दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता है राम जी के चरणों में ध्यान होता है इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता है अंजनी के लाल मैं पानी, तुम हो चन्दन हे महाबीर तुमको कहते दुःख-भंजन इस जग के नर-नारी सब शीश झुकाते हैं नाम बड़ा है तेरा सब गुण तेरे गाते हैं जला दी लंका रावण की मैया सीता को लाये तुम पड़ी जब मुश्किल राम में लक्ष्मण को बचाए तुम आओ अब आ भी जाओ पवन पुत्र हम तुम्हे बुलाते हैं अब तो दे दो दर्शन भगवन ज्योत हम जलाते हैं निराश मन में आशा तुम जागते हो राम जी के नाम को सबको सुनाते हो पर्वत जैसी निश्चलता है अंदर तुम्हारे नर्म धूप की कोमलता है अंदर तुम्हारे इस शख्स को आलू की चिप्स से होता है शराब का नशा शादी से पहले ही बढ़ गए मिथुन चक्रवर्ती की बहु के भाव, लोग करते रहे इंतजार पर आई नहीं जांच से छुटकारा, यह केप्सूल बताएगा आपकी छोटी से छोटी बीमारी