अभिनय की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाली स्मृति ईरानी का आज जन्मदिन है. स्मृति ज़ुबिन ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ और उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में ही शिक्षा ग्रहण की. वे सौंदर्य प्रसाधनों के प्रचार से लेकर मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनीं. मॉडलिंग में प्रवेश करने से पहले, वह मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर के पद पर कार्य कर चुकी हैं, बाद में वे मुंबई चली आयीं, जहां उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का केन्द्रीय किरदार निभाया और चर्चित हुईं. उन्होंने 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद से ही पैसा कमाना शुरू कर दिया था और सौंदर्य प्रसाधन के प्रचार करने लगी थी. रूढ़ीवादी पंजाबी-बंगाली परिवार की तीन बेटियों में से एक स्मृति ने सारी बंदिशें तोड़कर ग्लैमर जगत में कदम रखा. उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन फाइनल तक मुकाम नहीं बना पाईं. इसके बाद स्मृति ने मुंबई जाकर अभिनय के जरिए अपनी किस्मत बनाई. स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने वर्ष 1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची, किन्तु विजेता नहीं बन पायी. उन्होंने वर्ष 2000 में टेलीवीजन सीरियल 'हम है कल आज कल और कल' के साथ अपने करियर की शुरुआत की, किन्तु उन्होंने एकता कपूर के सास बहू सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में लीड रोल निभाया. इसके साथ ही इनकी पहचान एक कलाकार के रूप में बन गई. वर्ष-2001 में स्मृति ने शादीशुदा जुबिन ईरानी पारसी से शादी की. उसी वर्ष उन्हें एक बेटा हुआ, जिसका नाम 'जौहर' है.. सितंबर 2003 में उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम 'जोइश' है. वे 'शेनियल' की सौतेली माँ भी है जो उनके पति जुबिन ईरानी और उनकी पूर्व पत्नी मोना ईरानी की पुत्री है. स्मृति ईरानी ने पांच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, चार इंडियन टेली अवार्ड और आठ स्टार परिवार पुरस्कार जीत चुकी हैं. वर्ष 2001 में उन्होने जीटीवी पर प्रसारित रामायण में सीता का किरदार निभाया था. स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन वर्ष 2003 में तब शुरू हुआ जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की और दिल्ली के चाँदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा. हालांकि वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हार गईं. वर्ष 2004 में इन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया. इन्हें पार्टी ने पांच बार केंद्रीय समिति के कार्यकारी सदस्य के रूप में मनोनीत किया और राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी नियुक्त किया. वर्ष 2010 में उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई. वर्ष 2011 में वे गुजरात से राज्यसभा की सांसद चुनी गई. इसी वर्ष इनको हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी गई. भारतीय आम चुनाव, 2014 में स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी. यद्यपि वे यह भी चुनाव हार गईं, लेकिन राज्यसभा की सदस्य होने के नाते उन्हें भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया. स्मृति, रूपा, जया और सुषमा को नरेश अग्रवाल से एतराज