1- मातृ दिवस की शुभकामनाएं 2- प्यार करना कोई तुमसे सीखे प्यार कराना कोई तुमसे सीखे तुम ममता की मूरत ही नहीं, सब के दिल का एक टुकड़ा हो मैं कहती, कहता हूँ माँ, तुम हमेशा ऐसी ही रहना… 3- मंजिल दूर और सफर बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है, मार डालती यह दुनिया कब की हमें लेकिन मां की दुआओं में असर बहुत है! 4- मेरे दिल का बस यही है कहना, वह मां तुम बस ऐसे ही रहना!! 5- माँ तेरी याद आती है मेरे पास वापस आ जाओ, थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ, उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे, एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ 6- ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने…. तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल… मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल…! 7- हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी हमारे साथ चलती है हम अब तन्हा नहीं चलते एक दवा भी साथ चलती है अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ न होगा मैं जब घर से निकलता हूँ मेरी माँ की दुआ भी साथ चलती है 8- एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो जान से भी बढ़ कर शान हे मेरी, रब हुक्म दे तो कर दू सज्दा उसे, क्यूँ की वो और नही माँ है मेरी….. 9- जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानती हूँ… मेरे रब के बाद… मैं बस मेरी माँ को जानती हूँ !!! 10- माँ अपने बच्चो पर सब निछावर करती है, बिना लालच उन्हें प्यार करती है, भगवान का दूसरा रूप है हमारी माँ जो हर दुःख में हमारा साथ देती है…. हम सबकी माँ के लिए…. तथ्य कई हैं लेकिन सच एक ही है, जीवन में उतारे रवीन्द्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार अक्षय तृतीया पर इन शायरियों के जरिये दें अपनों को बधाई परशुराम जन्मोत्सव पर अपनों को भेजे ये संदेश और दे शुभकामनाएं