अफगानिस्तान के कार्यवाहक ‘इस्लामिक अमीरात’ में हक्कानी नेटवर्क को सम्मिलित किया गया है। इस प्रकार तालिबान के उन वादों की पोल खुल गई है जिसमें बताया गया कि वह जिहादियों को सुरक्षित पनाह नहीं देगा तथा कट्टर विचारों को रोकेगा। तालिबान का डिप्टी लीडर तथा अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी है। सिराजुद्दीन हक्कानी नेटवर्क का मुखिया है तथा अमेरिका स्थित एक्सपर्ट नेटवर्क को एक आपराधिक कंपनी बोलते हैं। वही सिराजुद्दीन तथा सरकारी किरदारों में अन्य कट्टरपंथियों की नियुक्ति ने इस उम्मीद को समाप्त कर दिया है कि चरमपंथी अपने कट्टर विचारों को कम करने में ज्यादा जोर देने वाले हैं। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, अल-कायदा से संबंधों तथा अमेरिका के विरुद्ध हमलों के इतिहास के बड़ा भी वाशिंगटन के समीप हक्कानी नेटवर्क पर विश्वास करने के अतिरिक्त बहुत कम विकल्प है। तालिबान द्वारा जिन व्यक्तियों को मंत्री पद सौंपा गया है, उनमें से कई ऐसे नेता हैं, जो अमेरिकी अथवा फिर संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में सम्मिलित हैं। वही अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल के सुरक्षा विशेषज्ञ कमाल आलम ने बताया, ‘वे पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के लिए दरवाजा खुला रखते हुए बेहतरीन खेल खेल रहे हैं। उन्होंने हाल के सप्ताहों में इस्लामिक स्टेट के कुछ सदस्यों को मार डाला तथा कुछ को हिरासत में ले लिया।’ न्यू अमेरिका थिंक-टैंक के एक सीनियर पार्टनर इयोनिस कोस्किनस ने कहा, ‘हक्कानी नेटवर्क का उदय इस बात को बताता है कि अफगान सरकार तथा गठबंधन सेना के विरुद्ध लड़ाई में समूह कितना अहम है।’ अफगानिस्तान पर नई रणनीति बना रहा है पाकिस्तान? मशहूर कॉमेडियन उमर शरीफ की बिगड़ी हालत, पत्नी ने मांगी प्रधानमंत्री से मदद मंगल पर मिला नमक, जगी जीवन की उम्मीद