हरदा: बहुत बार आपके साथ ऐसा हुआ होगा कि आपका अपना कोई बीमार हो और उसके लिए आप दवाई लेने मेडिकल जाते है तो उससे पहले डॉक्टर जो दवाई लिखकर देता है. वो समझ में नहीं आती है कि यह कौन सी दवाई है. क्योंकि बहुत बार डॉक्टर की हैंडराईटिंग दवाई लेने जाने वाले को ही नहीं बल्कि मेडिकल पर काम करने वालो को भी समझ नहीं आती है. डॉक्टर की हैंडराईटिंग के चक्कर में बहुत बार मेडिकल दुकानदार वाले गलत दवाई दे देते है. और यह दवाई कभी कभी बहुत ही घातक हो जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि अब डॉक्टरों को मरीजों के पर्चे पर दवाईयां केपिटल लेटर में ही लिख कर देना होगी. यह आदेश हरदा कलेक्टर ने मंगलवार को जारी कर दिए है. कलेक्टर अनय द्विवेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल भोपाल के परिपालन में एवं हाईकोर्ट के निर्णय के मुताबिक मरीजों को लिखी जाने वाली दवाईयों को केपिटल लेटर में और जेनरिक नाम से लिखे जाने के लिए आदेशित किया गया है. इस आदेश के बाद अब सभी डॉक्टरों को दवाईयों का नाम केपिटल लेटर में ही लिखना अनिवार्य है. ताकि दवाईयों के नामों को आसानी से पढ़ा जा सके. आपको बता दे कि अधिवक्ता राजीव ने डॉक्टरों की हैंडराईटिंग को लेकर जन उपयोगिता लोक अदालत में याचिका दायर की थी. जिसमें राजीव ने डॉक्टरों के द्वारा लिखी जाने वाली दवाईयों के नाम साफ अक्षरों में नहीं लिखने को लेकर आपत्ति ली थी. देश की अर्थव्यवस्था पर बोले पीएम मोदी, पढ़िए खास बातें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार के फैसले पर लगाई मुहर सीरिया का शीर्ष आतंकी कमांडर हवाई हमले में हुआ गंभीर घायल कानपुर में अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट खूबसूरत ब्यूटी क्वीन को रोहिंग्या पर वीडियो पोस्ट करना पड़ा महंगा