नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि देशभर में पेट्रोल एवं डीजल के दामों को एक समान बनाये रखने के लिये कोई योजना विचाराधीन नहीं है और अभी तक GST परिषद ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर (GST) में शामिल करने की कोई अनुशंसा नहीं की है। दरअसल, लोकसभा में उदय प्रताप सिंह और रोडमल नागर के सवाल के लिखित जवाब में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उक्त जानकारी दी है। सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार पूरे देश में पेट्रोल एवं डीजल के भाव को एकसमान बनाये रखने के लिये कोई योजना पर विचार कर रही है। इस पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, 'ऐसी कोई योजना सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।' हरदीप पुरी ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल के मूल्य, मूल्य वर्धित कर (VAT), स्थानीय वसूलियों जैसे घटकों की वजह से अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग होते हैं। एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में हरदीप पुरी ने कहा कि साल 2010 से UPA सरकार के वक़्त से ही पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर निर्धारित होती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में 32 रूपये लिए जाते हैं और इसका इस्तेमाल 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मदद देने के अलावा लोगों को नि:शुल्क टीका लगाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि में किया जाता है। सेंसेक्स में 190 अंक से अधिक की आई गिरावट, जानिए क्या रहा निफ़्टी का हाल 105 साल की सबसे बुजुर्ग आदिवासी महिलाओं ने लगवाया कोरोना का टीका, सीएम ने दी बधाई मलेशियाई संसद वायरस के लंबे अंतराल के बाद होगी शुरू