अहमदबाद: राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर आज गुरुवार से आरंभ हो गया है. इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के कई दिग्गजों का दर्द ये है कि उनको न्योता ही नहीं भेजा गया, मगर गुजरात कांग्रेस के नंबर दो नेता कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने तो निमंत्रण मिलने के बाद भी पार्टी के इस आयोजन से किनारा कर लिया है. हार्दिक पटेल उदयपुर में जारी चिंतन शिविर के पहले दिन शामिल नहीं हुए. एक ओर जहां चिंतन शिविर में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं से एकजुट रहने, पार्टी फोरम पर अपनी बात कहने का स्पष्ट संदेश दिया, तो दूसरी ओर बैठक से किनारा कर हार्दिक पटेल हाईकमान को क्या संदेश देना चाहते हैं, इसे लेकर कयासबाजी शुरू हो गई है. सियासी गलियारों में ये अटकलें भी लगने लगी हैं कि क्या हार्दिक पार्टी छोड़ेंगे ? क्या वे सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे या बीते कुछ समय से गुजरात कांग्रेस में हाशिए पर दिखाई दे रहे राज्य के नंबर दो नेता हार्दिक पार्टी के हाईकमान पर अपनी पीड़ा का संज्ञान लेने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं? हार्दिक के मन में क्या है, ये हार्दिक ही जानें. लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि हार्दिक ने कांग्रेस के आलाकमान को कड़ा संदेश दे दिया है. गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में हार्दिक की नाराजगी, गुजरात कांग्रेस की अंतर्कलह से पार पाना कांग्रेस नेतृत्व के लिए सिरदर्द बन गया है. अब देखना ये है कि, कांग्रेस इस समस्या से कैसे पार पाती है ? ‘हम तुम्हारे भगवान के भी बाप हैं...’, खुलेआम शरद पवार ने दी हिंदू देवताओं को गाली चिंतन शिविर: केंद्र पर सोनिया गांधी का बड़ा आरोप- 'अल्पसंख्यकों को दबा रही सरकार' सिसोदिया ने अमित शाह से दिल्ली में विध्वंस अभियान रोकने का आग्रह किया