गांधीनगर: 2019 लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां कर रहे पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को गुजरात उच्च न्यायालय के बाद शीर्ष अदालत से बड़ा झटका मिला है. कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की दोषी पाए जाने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं की गई है. गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में जिन मामलों पर सुनवाई होनी है उसमें हार्दिक पटेल के मामले का नाम नहीं है. गौरतलब है कि आज नामांकन का अंतिम दिन है. ऐसे में हार्दिक पटेल के मामले का नाम सूचीबद्ध न होने से इस बात पर मुहर लग गई है कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक पटेल की एक दंगे के मामले में मिली सजा पर चुनाव तक रोक लगाने की मांग को ठुकरा दिया था. उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद हार्दिक पटेल ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. उल्लेखनीय है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय से विसनगर दंगा मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. हार्दिक पटेल ने सौराष्ट्र की जामनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी. पटेल 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए थे. वहीं, पाटीदार आरक्षण आंदोलन का किला माने जाने वाले मेहसाणा में पाटीदार समाज पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर गुस्से में है. लोगों का कहना है कि हार्दिक पटेल ने पूरे पाटीदार समाज के साथ धोखा किया है. खबरें और भी:- गांधीनगर सीट: अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, सीजे चावड़ा को बनाया उम्मीदवार राम मंदिर के पक्ष में आया सुन्नी सोशल फोरम, कहा नहीं बदला जा सकता भगवान का जन्म स्थान हेमा मालिनी को चुनाव आयोग का नोटिस, तीन दिन के भीतर माँगा जवाब