सावन का महीना है और इस महीने में प्रकृति का अनुपम सौन्दर्य नजर आता है। जी दरअसल इस पावन मास में चारों ओर हरियाली ही नजर आती है और इसी वजह से सावन मास के कृष्ण पक्ष में हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) मनाई जाती है। आप सभी को बता दें कि इस साल हरियाली अमावस्या आज यानी 28 जुलाई, गुरुवार को है। जी दरअसल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर पुनर्वसु नक्षत्र और उसके बाद पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा इस दिन गुरु-पुष्य नक्षत्र का भी खास संयोग बन रहा है। जी दरअसल ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक पुष्य नक्षत्रों का राजा है और ऐसे में गुरु-पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में पितरों के निमित्त तर्पण करना अत्यंत शुभ फलदायी साबित होता है। अब हम आपको बताते हैं हरियाली अमावस्या के दिन क्या करना शुभ रहेगा। ये काम करने से पितृ देव होते हैं प्रसन्न- जी दरअसल धर्म शास्त्रों के अनुसार, पितृ दोष की शांत के लिए हरियली अमावस्या बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसे में यह मान्यता है कि इस दिन वृक्ष लगाने से पितृ देवता प्रसन्न होते है। जिसके पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसी के साथ ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, इस दिन नीम का पौधा लगाने से सेहत अच्छी रहती है। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए केले का पौधा लगाना अच्छा रहता है। इसी के साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना गया है। इसके अलावा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आंवले का पौधा लगाना उत्तम होता है। इसके अलावा हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है। जी हाँ और इसके अलावा पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी का वास माना गया है। वहीं भविष्यपुराण के अनुसार, हर आंवले में भगवान विष्णु का वास होने के कारण इसको लगाने से लक्ष्मी जी की कृपा भी होती है। शमी का पेड़ गणेश जी और शिवजी को बहुत प्रिय है। दान- हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन दान करने से पितर खुश होते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने पर घर में खुशहाली आती है हालाँकि अमावस्या पितरों को समर्पित माना जाता है, इसलिए इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना शुभ होता है। इसी के साथ इस दिन नदी में काला तिल प्रवाहित करना शुभ होता है। इसके अलावा इस दिन पितरों का स्मरण करके किसी पात्र में जल लेकर उसमें काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालें और पीपल के पेड़ को अर्पित करें। ऊं पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें। सावन शिवरात्रि पर मनोकामना पूर्ति के लिए चढ़ाएं ये शुभ चीजें हाथ में हो ये निशान तो मिलता है राजयोग, भविष्य में होगा पैसा ही पैसा नसीब वाले होते हैं ऐसे माथे के लोग