बैंगलोर: कर्नाटक में बीते दिनों बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की जो हत्या हुई थी, उस मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है। NIA ने बताया है कि हिजाब विवाद के बीच में हर्षा का क़त्ल सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के मकसद से किया गया था। मीडिया रिपोर्ट में NIA सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 2 मार्च को जब जाँच अधिकारी हर्षा हत्या मामले की जाँच के लिए शिवमोगा पहुँचे तो उन्हें पता चला कि ये क़त्ल एक साजिश के तहत किया गया था। उनका मकसद सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था। हिजाब विवाद के बीच राज्य में दंगे भड़काना था। इस बात का उल्लेख NIA ने अपनी FIR में भी किया है। इसमें बताया गया कि हर्षा के क़त्ल से राज्य में दहशत पैदा करने की कोशिश की गई थी। आरोपितों का इरादा जानलेवा हथियारों का इस्तेमाल करके लोगों को डराने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने का था। बता दें कि NIA की जांच से पहले कर्नाटक के गृहमंत्री ने भी इस मामले में सांप्रदायिक एंगल का जिक्र किया था। वहीं भाजपा विधायक सीटी रवि ने कहा था कि हर्षा को किसी निजी कारण से नहीं मारा गया। उन्होंने कहा था कि, 'मुझे नहीं लगता कि यह किसी पुरानी रंजिश के कारण किया गया फैसला है। इसके पीछे सुनियोजित साजिश की आशंका है। किसने उन्हें आर्थिक मदद दी, किसने ये साजिश रची, किसने उन्हें उकसाया, किसने उन्हें समर्थन दिया, इन सबकी अदालत में जाँच होनी चाहिए।' उन्होंने NIA को मामले की जांच सौंपने के संबंध में बताया कि ये मामला NIA को इसीलिए दिया गया है ताकि हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या को रोका जा सके। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस हत्या की निंदा करते हुए कर्नाटक में पनप रहे कट्टरपंथ पर हमला बोला था। उन्होंने PFI और SDPI जैसे संगठनों की मिसाल देकर कहा था कि ये लोग केरल का आतंकी मॉडल कर्नाटक में लाना चाहते हैं। विवाहित महिला की संपत्ति पर उसके माता-पिता का अधिकार क्यों नहीं ? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से माँगा जवाब 'किसी समुदाय विशेष के खिलाफ हुए अपराधों का अलग से डेटा नहीं रखा जाता..', लोकसभा में बोली सरकार सुप्रीम कोर्ट: मुल्लापेरियार बांध समिति तब तक कार्य कर सकती है जब तक कि प्राधिकरण कार्यात्मक न हो जाए