Hartalika Teej 2018 : इतने जन्म लेने के बाद भगवान शिव ने पार्वती को माना था अपनी अर्धांगनी

हर सुहागिन स्त्री हरतालिका तीज का इन्तजार बड़ी ही बेसब्री से करती है. इस वर्ष हरतालिका तीज 12 सितंबर को आ रही है और महिलाएं इसकी तैयारी में जोरों शोरों से लगी हुई है. खास बात यह है कि व्रत को सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है.

यहां जानिए हरतालिका तीज व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त

इस दिन सभी महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. इस व्रत को पति की लम्बी आयु, अच्छे वर और घर की सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए इस व्रत को रखा था और इस दौरान उन्होंने अन्न और जल ग्रहण नहीं किया था.

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शास्त्रों में लिखा कि माता पार्वती ने शिव को पाने के लिए सच्चे मन से आराधना की है यही नहीं बल्कि उन्होंने शिव को पाने के लिए 107 जन्म लिए थे, जिसके बाद 108वें जन्म में भगवान शिव ने पार्वती को अपनी अर्धांगनी के रूप में स्वीकार किया था. इस पूजा के दौरान आपको खास बातों का ख्याल रखना होगा और ये सारी सामग्री आपकी पूजा में शामिल होना चाहिए तभी आपको इस पूजा का पूरा लाभ मिलेगा.

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महत्वपूर्ण सामग्री : चूड़ी, मेहंदी, सिंदूर, काजल, बिंदी, बिछिया, कंघी, माहौर सुहागिन औरतें जरुरी शामिल करें. पूजा के दौरान पंचामृत के लिए श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, कपूर, कुमकुम, घी-तेल, दीपक, दही, शक्कर, दूध, शहद ध्यान से रखे. भगवान शिव को बेलपत्र और अकांव का फूल बहुत पसंद है इसलिए आप अकांव का फूल के साथ-साथ शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, मंजरी, जनैव, नाडा, जरूर रखे.

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