हरतालिका तीज : हरतालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याओं के लिए काफी ख़ास व्रत में से एक होता है. हरतालिका तीज का काफी महत्वपूर्ण स्थान है. सभी तीजों में इस तीज को श्रेष्ठ माना गया है. यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महिलाएं यह व्रत मुख्य रूप से रखती है. हालांकि देशभर में इसकी धूम देखने को मिलती है. भादो माह की शुक्ल पक्ष की तीज को भारत में हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है. महिलाएं और कन्याएं इस दिन निर्जला व्रत रखती है. हरतालिका तीज की पूजन सामग्री... हरतालिका तीज की पूजा में कई वस्तुओं की आवश्यकता होती है. माता पार्वती और शिव जी को पंचामृत, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद, मिठाई आदि अर्पित की जाती है. वहीं माता के लिए सुहाग का संपूर्ण सामान खरीदा जाता है. इनमें काजल, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, मेहंदी, लिपिस्टिक, शीशा, कंघा, बिंदी, चूड़ी, बिछिया, आलता आदि शामिल रहते हैं. पूजन की अन्य सामग्री... शिव-पार्वती की मूर्ति रखने हेतु प्लेट, पूजन के लिए लकड़ी का पटिया या पाटा और इस पर बिछाने हेतु एक लाल या फिर पीले रंग का स्वच्छ कपड़ा, नारियल,पानी से भरा हुआ घट या कलश, आम के पत्ते, आरती के लिए दीपक, अगरबत्ती या धूप,पान के पत्ते, धूप, केले, सुपारी, शिव जी को चढाने के लिए बेलपत्र, जनेऊ, शमी की पत्तियां, चंदन और गौरी के निर्माण हेतु मिट्टी एवं पंचामृत. हरतालिका तीज का महत्व... हरतालिका तीज के व्रत का महत्व आप इस तरह से समझ सकते हैं कि इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु जबकि कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर पाने हेतु यह व्रत रखती है. माता पार्वती ने भी शिव जी को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, तब उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था. हरतालिका तीज : कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज, इन दो मुहूर्त में होगा पूजन हरतालिका तीज : यह है हरतालिका तीज व्रत की पौराणिक कथा, शिव-पार्वती से हैं संबंध हरतालिका तीज : हरतालिका तीज पर आ जाए मासिक धर्म तो इस तरह रखें व्रत हरतालिका तीज : आसान नहीं है यह व्रत, महिलाएं जरूर जान लें ये नियम