चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल में 45 गायों को जहर देकर मार डालने के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को अरेस्ट किया है। इनके नाम विशाल, रजत, सूरज और सोनू बताए गए हैं। एक अन्य मास्टरमाइंड अमर फरार है। रिपोर्ट के अनुसार, सभी आरोपित पहले हिन्दू थे, जो धर्मपरिवर्तन कर ईसाई बन गए। ये मृत गायों को उठाने वाले ठेकेदार के कार्यकर्ता हैं। कम गायों की मौत होने के कारण इनका धंधा मंदा हो गया था और गाय की हड्डी, खाल और चर्बी आदि से होने वाली आमदनी घट गई थी। इसलिए इन्होंने इतनी संख्या में गायों कि हत्या कर डाली। बता दें कि, यह मामला 26 जनवरी 2023 का है। रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला करनाल के फसमंडी इलाके के अंतर्गत आने वाली वाली नगर निगम गोशाला नंदी ग्राम का है। इसी साल 26 जनवरी की रात एक-एक कर गायों की मौत होने लगी थी। कुछ ही दिनों में 45 गोवंशों की मौत हो गई। मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि गुड़ और चारे में सल्फास की गोलियाँ मिलाकर गायों को दे दी गई थी। राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस संबंध में उच्चस्तरीय जाँच टीम गठित की थी। जाँच टीम अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस टीम ने घटना के दिन गोशाला के आसपास सक्रीय रहे मोबाइल नंबर की जानकारी निकलवाई। इस दौरान 5 ऐसे नंबर सामने आए जिनका कोई गोशाला से कोई संबंध नहीं था। जिसके बाद पुलिस ने इन नम्बरों को ट्रेस करना शुरू किया। ये नंबर कुरुक्षेत्र के शाहबाद की डेरा बस्ती के निवासी विशाल और अमर, करनाल की मंगल कॉलोनी निवासी रजत, डेरा बस्ती अम्बाला के निवासी सोनू तथा जम्मू-कश्मीर की एक झुग्गी के निवासी सूरज के निकले। इसके साथ ही गोशाला आने-जाने वाले रास्तों की तमाम CCTV फुटेज खंगाली गई। इन फुटेज में भी पाँचों आरोपित घटना की रात उन रास्तों पर आते-जाते नज़र आए। जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए अमर को छोड़ कर बाकी सभी को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे पाँचों कई वर्ष पूर्व हिन्दू धर्म छोड़ ईसाई बन चुके हैं। हड्डी, चर्बी और खाल आदि की तस्करी के लिए इस वारदात को अंजाम देने की बात कबूल की। प्रत्येक मृत गाय के उन्हें 8 से 10 हजार रुपए मिलते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में विशाल और रजत पहले से ही गोशाला में मरने वाली गायों को उठाने का कार्य करते थे। उनका कहना था कि गायों के कम मरने से उनका धंधा थप होने लगा था। इसलिए उन सभी ने एक साथ कई गायों की हत्या का फैसला किया। पुलिस के अनुसार, अरेस्ट किए गए आरोपितों ने स्वीकार किया कि घटना के दिन उन सभी ने शराब पी और 2 बाइकों पर सवार होकर गोशाला पहुँचे। यहाँ उन्होंने गायों को सल्फास खिलाया, जिससे रात 2 बजे से गाय मरने लगीं। विशाल गायों को खिलाने के लिए अपने साथ 10 पुड़िया जहर लाया था। 3 बजे सभी आरोपित वापस आ गए थे। बाद में जब बजरंग दल वालों ने अधिकारियों के साथ बातचीत कर मृत गायों को दफनाना शुरू कर दिया, तब इन सभी आरोपियों ने उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा। आरोपितों ने खुद को गायों के शव न सौंपने पर गोशाला से दुबारा मृत गायें न उठाने की भी धमकी दी थी। आरोपितों ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया है कि वे पहले भी इस गोशाला में जहर देकर 4-5 गायों को एक साथ मारते रहे हैं। 15 जनवरी 2023 के बाद वे 3-4 दफा ऐसी हरकतें कर चुके थे। इस गोशाला से मृत गायों को उठाने का टेंडर करनाल महिला कांग्रेस की बड़ी नेत्री रानी कम्बोज के पति दीपक मेहरा को मिला था। उन्हें इसके बदले 4 लाख 23 हजार रुपए प्रतिमाह मिल रहे थे। ख़ास बात ये रही कि 45 गायों की हत्या के बाद खुद कांग्रेस नेत्री रानी कम्बोज भी गोशाला के सामने हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल थीं, जबकि खुद उनके पति इस हत्याकांड में शामिल थे। जिस 'अंसारी परिवार' पर कांग्रेस ने लुटाया भरपूर प्यार ! उसमे बाप-बेटा और बहु सब निकले गुनहगार - रिपोर्ट बागेश्वर धाम की शरण में पहुंचे कमलनाथ, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से भी करेंगे मुलाकात 'आज का भारत तेज सोचता है और तुरंत फैसले लेता है..', एयरो इंडिया का उद्घाटन करे बोले पीएम मोदी