चंडीगढ़ः हरियाणा में अगले कुछ हफ्तों में चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा। राज्य में अभी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी सरकार है। दस सालों तक (2004 - 2014) तक राज्य की सत्ता पर काबिज कांग्रेस की हालत इस समय पतली है। लोस चुनाव में पार्टी यहां एक भी सीट नहीं जीत पायी थी। कांग्रेस की समस्या यहां और बढ़ गयी है। बागी तेवर दिखाने वाले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के युवा नेता कुलदीप बिश्नोई पर कानून का शिकंजा कसने से पार्टी की मुश्किसें बढ़ गयी हैं। ईडी ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड को पंचकूला में भूमि आवंटन करने के मामले में पहला आरोपपत्र दायर किया है, जिसमें हुड्डा और मोती लाल वोरा का नाम भी शामिल है। आयकर विभाग ने कुलदीप बिश्नोई पर बेनामी संपत्ति रोधी कानून के तहत कार्रवाई की है। पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर इन दोनों नेताओं पर हमले और तेज होंगे। लिहाजा पार्टी को उसी के अनुसार रणनीति बनानी होगी ताकि इसका चुनाव में अधिक नुकसान न हो। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा में चुनाव होने हैं, इसलिए यह तो होना ही था। भाजपा चुनाव राष्ट्रवाद, ध्रुवीकरण, धर्म और आरोप लगाकर लड़ना चाहती है ताकि जनता अन्य अहम सवालों के जवाब न मांगे। हरियाणा के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से भेंट कर दोनों नेताओं पर कार्रवाई और संगठन में फेरबदल को लेकर बातचीत की। पार्टी की वहां एक और समस्या गुटबाजी है। जो तमाम कोशिशों के बावजूद खत्म नहीं हो पा रही है। बीजेपी ने मोदी लहर की बदौलत राज्य में पहली बार सरकार बनाई थी। मध्य प्रदेश: पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान गिरफ्तार, राज्य की सियासत में मचा हड़कंप विधानसभा में पोर्न देखने के कारण गया था मंत्री पद, अब येदियुरप्पा ने बना दिया डिप्टी सीएम INX मीडिया केस: चिदंबरम के जवाबों से संतुष्ट नहीं है CBI, लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए कर सकती है मांग