चंडीगढ़: पंजाब औऱ हरियाणा में इन दिनों चंडीगढ़ को लेकर तलवारे खींची हुईं है. हाल ही में पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को ट्रांसफर करने मांग की थी, इसके बाद से से राजनीति गरमाई हुई है. अब हरियाणा भी राजधानी चंडीगढ़ पर अपना दावा ठोंकने की तैयारी करने लगा है. लिहाजा 5 अप्रैल को हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की बात सामने आई है. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ को ट्रांसफर करने के पंजाब के प्रस्ताव पर कहा कि हम चंडीगढ़ को कहीं जाने नहीं देंगे. चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी थी, है और रहेगी. सीएम खट्टर ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के दोहरे मापदंड हैं. कुछ दिनों तक पंजाब में शासन में रहने के दौरान ही उन्होंने चंडीगढ़ के विवादास्पद मुद्दे को हवा दी है. सीएम खट्टर ने कहा कि मुझे लगता है कि पंजाब की सरकार किसी और के आदेश पर ये काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि AAP हरियाणा की ओर देखने की हिम्मत भी नहीं कर सकते. वहीं रविवार को जींद में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम खट्टर ने दो टूक शब्दों में कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के सख्त खिलाफ है. सीएम खट्टर ने कहा कि भ्रष्टाचार का काल, मनोहर लाल, मनोहर लाल. उन्होंने कहा कि सूबे में भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले सीएम खट्टर ने कहा था कि चंडीगढ़ को लेकर पंजाब सरकार का फैसला बेहद निंदनीय है. लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है, मगर इन्होंने एक तरफा फैसला लिया है. इस प्रकार के फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को हरियाणा की जनता से माफी मांगनी चाहिए. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ बनी रहेगी. हमारे पास कई मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा की जानी चाहिए. कांग्रेस को तोड़कर 'गुजरात फ़तेह' की तैयारी, जानिए क्या है केजरीवाल का प्लान यूपी के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी के दामाद की हार्ट अटैक से मौत, कुछ दिन पहले ही यूपी पुलिस ने मारा था छापा पाकिस्तान गृह युद्ध की तरफ! अविश्वास प्रस्ताव खारिज होते ही विपक्षी नेताओं ने जमाया डेरा, मचा हंगामा