पराली जलाने पर हरियाणा सरकार का एक्शन, अधिकारी निलंबित, आरोपी किसानों पर भी गाज

चंडीगढ़: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए, हरियाणा के कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ये अधिकारी अपने क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में विफल रहे थे। निलंबन का फैसला डिप्टी कमिश्नरों और डिप्टी डायरेक्टरों की सिफारिशों पर किया गया है।

इससे पहले, कैथल जिले में 18 किसानों को पराली जलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, ये सभी बाद में जमानत पर रिहा हो गए, क्योंकि यह अपराध जमानती है। हरियाणा पुलिस ने बताया कि वायु प्रदूषण रोकथाम कानून के तहत पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं। पानीपत, यमुनानगर और अंबाला जैसे अन्य जिलों में भी इसी प्रकार की प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। 

किसान धान की फसल के बाद खेतों को साफ करने के लिए पराली जलाते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। हरियाणा के मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद ने उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को चेतावनी दी थी कि वे उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई में विफल न हों और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने मांग की है कि सरकार पराली के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करे और किसानों से इसे खरीदे।

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