चंडीगढ़: खरीफ फसलों की कटाई के समय प्रति वर्ष प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली-NCR और उसके आसपास के शहरों में वातावरण दमघोंटू सा हो जाता है। हरियाणा से भी प्रति वर्ष खेतों में पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। हालांकि, इस बार मनोहर लाल खट्टर सरकार पहले से ही अलर्ट है। इस दौरान पराली प्रबंधन को लेकर कई बड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं। इस बार हरियाणा में किसानों से पराली की प्राइवेट खरीद की जाएगी। दरअसल इस बार व्यापारियों को सूखे चारे की समस्या हुई थी। ऐसे में इस बार सरकार ने निजी कंपनियों को पराली खरीदने का निर्देश दिया है। इसमें सबसे अधिक बासमती के पराली पर 6 हजार रुपये मिलेंगे। वहीं, परमल धान की पराली पर 4 से 5 हजार रुपये दिए जाएंगे। किसान कर्म सिंह कल्याण बताते हैं कि पराली की प्राइवेट खरीद शुरू होने के बाद किसानों के लिए अच्छी कमाई करने का यह सुनहरा अवसर है। पहले पराली जलानी पड़ती थी, जिससे प्रदूषण का स्तर तो बढ़ता ही था, प्रॉफिट भी नहीं नहीं था। अब यही पराली 5-6 हजार रुपये में बिकेगी। त्यागीमंडी में धान लेकर आए किसान सुरेन्द्र त्यागी बताते हैं कि इसका किसानों को बहुत अधिक फायदा है। पहले पराली जलाने का सारा दोष किसानों पर ही डाला जाता था। उल्टा सरकार पराली जलाने पर जुर्माना भी वसूलती थी। प्राइवेट कंपनियों द्वारा पराली खरीदने पर अब किसानों को पैसे मिलेंगे। बस अब राज्य सरकार चार से पांच गांठ बनाने वाली मशीनें गांवों में पहुंचा दे। आज़ादी के बाद पहली बार भारतीय वायुसेना में हुआ ये काम, हर साल बचेंगे सरकार के 3400 करोड़ विधानसभा उपचुनाव: गोला गोकर्णनाथ सीट से भाजपा ने अमन गिरि‍ को दिया टिकट 'भारतीय वायुसेना' पर आज आसमान में गरजेंगे 80 लड़ाकू विमान