चंडीगढ़ : हरियाणा में अपनी मांगों और शिकायतों पर अधिकारियों के रवैये से नाराज जाट प्रदर्शनकारियों ने होली के बाद असहयोग आंदोलन का ऐलान किया है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति अपने विरोध-प्रदर्शन को दो मार्च से नई दिल्ली ले जाएंगी. यह जानकारी यशपाल मलिक ने दी. वैसे अपने आंदोलन के तहत जाट आज दिल्ली के जंतर मंतर पर आंदोलन शुरु कर रहे हैंं. असहयोग आंदोलन के तहत जाट समुदाय के लोगों से बिजली और पानी के बिल का भुगतान बंद करने को कहा गया है. साथ ही लोगों से यह भी कहा गया है कि वे राष्ट्रीय राजधानी को दूध और अन्य जरूरी चीजें जैसे सब्जियां आदि की आपूर्ति बंद कर दें. जबकि दूसरी ओर हरियाणा विधानसभा में जाट आंदोलन पर चर्चा की गई. विधानसभा में बजट सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव पेश करने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी हरियाणा में जाटों को सरकारी नौकरियों और सरकारी संस्थानों में आरक्षण पर राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं. चौटाला ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार जाट समुदाय की मांगों को पूरा करने में विफल रही है, जबकि उसने पिछले साल इस पर सहमति जताई थी. उल्लेखनीय है कि आरक्षण के अलावा जाट समुदाय पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, घायलों को मुआवजा, उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने तथा जाटों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं. फरवरी 2016 में हुए जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोग मारे गए थे. जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे.साथ ही हजारों करोड़ रुपये की सरकारी व निजी संपत्ति की भी हानि हुई थी. यह भी पढ़ें सरकार की जाट समुदाय के साथ सहमति नही बन पाई सीएम खट्टर की बातचीत रिकार्ड करने वाला एसडीएम निलंबित