नई दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के गुरुवार 24 अक्टूबर को घोषित होने जा रहे परिणाम वहां के मुख्यमंत्रियों मनोहर लाल खट्टर और देवेंद्र फडणवीस का कद निर्धारित करेंगे. यदि दोनों प्रदेशों में पिछली बार से अधिक सीटें आईं तो मुख्यमंत्रियों का पार्टी में कद बढ़ेगा, वहीं यदि सीटों का नुकसान हुआ तो पार्टी के अंदरखाने दोनों के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पहले ही इस बात से खट्टर और फडणवीस दोनों भलीभांति परिचित रहे, यही कारण है कि उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी. चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही सभी सीटों से गुजरने वाली यात्राएं कर पार्टी के समर्थन में माहौल बनाया. दरअसल, 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों प्रदेशों में पार्टी ने कोई स्थानीय चेहरा निर्धारित किए बगैर ही चुनाव लड़ा था. मई में तब मोदी सरकार सत्ता में आई थी. आपको बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया गया था। आज यानि 24 अक्टूबर को दोनों राज्यों के चुनावी परिणाम आने वाले हैं। ये परिणाम वहां के मुख्यमंत्रियों मनोहर लाल खट्टर और देवेंद्र फडणवीस का कद निर्धारित करेंगे। वहीं दोनों राज्यों में अपनी खोई जमीन पाने की कोशिश कर रही कांग्रेस की किस्मत का भी फैसला होगा। कांग्रेस महाराष्ट्र में NCP के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, वहीं भाजपा ने शिवसेना को अपने साथ लिया है। कर्नाटकः पूर्व सीएम सिद्धारमैया को एक महिला ने सुनाई खरी-खोटी, जानें मामला आरएसएस ने कांग्रेस को दी अपने राज्य में 'Nyay' लागू करने की चुनौती सत्यपाल मलिक को बनाया जा सकता है जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पहला उपराज्यपाल