चंडीगढ़: हरियाणा के गुरुग्राम में शुक्रवार को खुले में जुमे की नमाज का हिन्दू संगठनों समेत कई स्थानीय लोगों में विरोध जताया है। बीते पाँच हफ़्तों से जारी विरोध के बाद भी हल न निकलने से हिन्दू-मुस्लिमों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। वहीं पुलिस ने कुल 37 स्थानों पर खुले में नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी है। जिसके विरोध में हिन्दू महिलाओं के साथ बड़ी तादाद में लोग आज पाँचवें हफ्ते भी भजन-कीर्तन और नारेबाजी करते हुए सड़क पर उतर आए हैं। विरोध करने के लिए गुरुग्राम के सेक्टर-12-ए इलाके में पहुँचे हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों को गुरुग्राम पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों की तादाद लगभग 30 बताई जा रही है। Women detained after they started shouting religious slogans to disrupt namaz in Sector 12 @HTGurgaon @htTweets @htdelhi pic.twitter.com/QOKv1qCX9y — Dr. Leena Dhankhar (@leenadhankhar) October 29, 2021 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम समूहों ने नूंह और पटौदी से ज्यादा लोगों को ‘समर्थन’ के लिए बुला लिया है। हालाँकि अभी तक यह साफ़ नहीं है कि नूंह और पटौदी के मुस्लिम वास्तव में गुरुग्राम में मौजूद हैं या नहीं। बता दें कि, नूंह मेवात में आता है और कथित तौर पर हाल के दिनों में बड़ी तादाद में वहाँ रोहिंग्याओं को बसाया गया है। मेवात में वही स्थान हैं जो अपनी आपराधिक गतिविधियों की वजह से अक्सर ‘मिनी पाकिस्तान’ के रूप में जाना जाता है। Rightwing Hindu groups reached Sector 12 to disrupt prayers being offered in the open. Police detained them and took them to nearest police station to ensure peaceful prayers @htdelhi @HTGurgaon @htTweets pic.twitter.com/F2tWrNpK0V — Dr. Leena Dhankhar (@leenadhankhar) October 29, 2021 मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष हाजी शहजाद खान ने कहा है कि, 'यदि वे (हिंदू समूह) नारे लगाते हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब नहीं करना चाहते हैं, किन्तु यदि वे हमें निशाना बनाते हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।' हाजी ने आगे कहा कि, 'हम कोई टकराव या संघर्ष नहीं चाहते हैं, हम दूसरी जगह स्थानांतरित होने के लिए तैयार हैं बशर्ते प्रशासन शांति की गारंटी दे सके।' महज 20 रुपए में 'बांस की बोतल' दे रहे चन्दन, प्लास्टिक से प्रदूषण के खिलाफ छेड़ी जंग तालिबान ने प्रतिबंध हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मांगा समर्थन यह बेहद निंदनीय है कि सरकार छात्रों के भविष्य के बारे में नहीं सोच रही: लोकेश