शुक्रवार को कानपुर के हैलेट अस्पताल में एसी प्लांट खराब होने से हुई पांच मौतों ने सूबे की स्वस्थ व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. इस घटना के बाद चिकत्सीय अधिकारीयों के हाथ पैर भी फूले हुए है. पांच मरीजों की मौत के बाद शुक्रवार की रात चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डा. केेके गुप्ता ने बताया कि. दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी, ताकि ऐसा मामला दोबारा देखने को ना मिले. उन्होंने कहा कि इसे प्रदेश के अन्य मेडिकल कइलेज के लिए सबक के तौर पर लिया जाएगा. इसके अलावा निदेशक (डीजीएमई) ने मेडिसिन आईसीयू में भर्ती उन मरीजों से बातचीत की, जो बोलने की स्थिति में थे. तीमारदारों से भी बात की और रिकार्ड खंगाला. तापमान रीडिंग की जांच की. मरीजों की हिस्ट्री ली. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजीएमई ने बताया कि, 'मरीजों, तीमारदारों ने बताया कि एसी बंद होने के बाद गर्मी लगने लगी थी, पर असहज महसूस नहीं हो रहा था. कोई भी मरीज हाइपोथर्मिया का शिकार नहीं हुआ.' उन्होंने बताया कि नई तकनीक के मॉनीटर हीट नहीं करते. ICU में एसी का ठेका लेने वाली कंपनी को 16 लाख रुपये एडवांस भुगतान किया गया है. कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है. डीजीएमई ने निरीक्षण से पहले मेडिकल कालेज प्राचार्य कार्यालय में प्राचार्य, विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए. सरकारी बंगले के नुकसान की भरपाई कर दूंगा - अखिलेश यादव दो बीजेपी नेताओं के बीच चले जमकर लात-घूसे, वीडियो वायरल 5 दर्जन से अधिक पुलिस इंस्पेक्टर्स का तबादला