रोजगार की पढ़ाई के द्वार खोल दिये हैं

उज्जैन | कई बार बच्चे 8वी, 9वी के बाद ड्रॉपआउट हो जाते हैं और किसी भी तरह का हुनर न होने के कारण व्यापार/व्यवसाय/सेवा नहीं कर सकते थे। ऐसे विद्यार्थियों के लिये राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन में रोजगार की पढ़ाई के द्वार खोल दिये हैं।  

प्रदेश स्तरीय ‘रोजगार की पढ़ाई, चलें आईटीआई अभियान’

तकनीकी शिक्षा से ही रोजगार की प्राप्ति हो सकती है। ‘रोजगार की पढ़ाई, चलें आईटीआई अभियान’ चार चरणों में पूर्ण होगा। इसमें बच्चों को कौशल की शिक्षा देकर विभिन्न तकनीकी ट्रेड में कामकाज के लिये प्रशिक्षित किया जायेगा। आईटीआई में सीखने के बाद ऐसे बच्चे गांव में ही अपना इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर, कम्प्यूटर आदि का कार्य कुशलतापूर्वक करते हुए रोजगार पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में अब बिजली की कमी नहीं होने दी जायेगी। इससे रोजगार संवर्द्धन होगा।

शुभारम्भ 1963 में हुआ था

उज्जैन आईटीआई का शुभारम्भ 1963 में हुआ था और इस संस्था के प्रमाण-पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हैं। इस संस्था में मूक-बधिर विद्यार्थी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। संस्था का प्लेसमेंट रिकार्ड भी अच्छा रहा है। कौशल विकास को आगे बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य है, जो इस योजना को आगे बढ़ा रहा है। ‘रोजगार की पढ़ाई, चलें आईटीआई अभियान’ 11 मई से 30 जून तक आयोजित होगा तथा इसके दौरान सौ घंटे से लेकर 1200 घंटों के प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है। योजना से लाभ लेने वाले बच्चों का पंजीयन पोर्टल पर किया जायेगा। विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगाई जायेगी। योजना के तहत प्रथम चरण में ग्रीष्मकालीन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।

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