रत्न धारण करने से न केवल ग्रहों की अनुकुलता प्राप्त होती है वहीं रोगों को भी ठीक करने के लिये रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है। हृदय रोग के लिये जहां माणिक्य रत्न पहनने की सलाह दी जाती है तो वहीं मिर्गी, हिस्टीरिया, भ्रम, उन्माद, जैसे रोगों को दूर करने के लिये मोती पहना जा सकता है। मोती की तासीर ठंडी मानी जाती है तथा यह इस तरह की बीमारी दूर करने के लिये फायदेमंद ही सिद्ध होता है। इसी तरह खून की कमी से उत्पन्न बीमारियों को दूर करने के वास्ते मूंगा पहना जा सकता है। मूंगा खून की कमी से उत्पन्न दुर्बलता, शक्ति क्षीणता जैसी बीमारियों में बहुत लाभ देता है। ऐसे ही लीवर जैसी बीमारी दूर करने के लिये पुखराज उपयुक्त माना गया है तो वहीं वीर्य दोष से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के शमन के लिये हीरा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। नवग्रह और उनके रत्न, उचित सलाह से ही पहने रत्न नहीं तो जड़ी धारण करने से मिले ग्रहों की अनुकुलता रत्न धारण कर रहे है तो रखे इन बातों का विशेष ध्यान