अपने बयान और तौर तरीको से हमेशा से चर्चा में रहने वाले अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने अदालत को ही दो टूक कह डाली। दरासल मामला यह था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ट्रेवल बैन में हुए संशोधन के लागू होने से कुछ घंटे पहले ही बुधवार को एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने इस आदेश पर रोक लगा दी। इस नए कानून पर रोक लगना प्रशासन के लिए बहुत बड़ा झटका है। जहां वे अस्थायी रूप से शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ छह प्रमुख मुस्लिम देशों के यात्रियों पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाना चाह रहे हैं। क्यूं लगाई रोक- हवाई में दायर हुए एक मुकदमे के जवाब में अमेरिकी जिला न्यायाधीश डेरिक वाटसन ने नए आदेश पर आपातकालीन रोक लगा दी है। मुकदमे में तर्क दिया गया था कि इस नए कानून में मुस्लमानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पर ट्रंप ने नैशविले, टेनेसी में दिए गए अपने भाषण में कहा कि न्यायाधीश का आदेश हमें लोगों के सामने कमजोर दिखा रहा है और अदालत को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने की जरूरत नही है। क्या था मामला- हवाई में विरोधी, राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले के कैंपेनों का हवाला दे रहे हैं। जिसमें ट्रंप ने कहा था कि वे अमेरिका में पूरी तरह से मुस्लिमों की एंट्री बंद कर देंगे। हांलाकि बाद में ट्रंप ने अपनी भाषा पर नियंत्रण करते हुए ट्रेवल बैन और 6 देशों के अमेरिका में प्रवेश पर 90 दिन की रोक को अमेरिका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। इसके साथ ही अब ट्रंप लोगों को इसे किसी धर्म से जोड़ने के लिए मना कर रहे हैं। इन 6 देशों में ईरान, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन हैं. पहले ईराक भी इस लिस्ट में शामिल था, लेकिन बाद में उसे इस लिस्ट से बाहर कर दिया। डोनाल्ड ट्रम्प परमार्थ कार्यों के लिए दान करेंगे अपनी सैलरी ट्रंप हुए आक्रामक : CIA को दिया ड्रोन हमले करने का अधिकार, पाक की मुश्किल बढ़ी