गुवाहाटी: यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (Srinivas BV) को राहत प्रदान करने से गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस नेता ने अदालत से अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की माँग की थी। न्यायमूर्ति अजीत बोरठाकुर बुधवार (26 अप्रैल) को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पीड़िता के बयान और केस डायरी का अवलोकन किए बगैर राहत देना सही नहीं होगा। दरअसल, असम युवा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष डॉ. अंगकिता दत्ता (Angkita Dutta) ने श्रीनिवास के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने, श्रीनिवास पर उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और अपमानित करने का इल्जाम लगाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अंगकिता दत्ता ने युथ कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ लिंग के आधार पर भेदभाव, उत्पीड़न और प्रताड़ना के गंभीर इल्जाम लगाए हैं। अंगकिता ने 19 अप्रैल को गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी। उनकी शिकायत पर श्रीनिवास के खिलाफ IPC की धारा 509/294/341/352/354/354 ए (iv)/506 के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि असम पुलिस को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने या कार्रवाई करने से रोका जाए। इस पर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजीत बोरठाकुर ने कहा कि वह पहले केस डायरी देखेंगे और उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने असम पुलिस को 2 मई 2023 तक केस डायरी जमा कराने के लिए कहा है। बता दें कि अंगकिता ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास और यूथ कांग्रेस के सेक्रेटरी इंचार्ज वर्धन यादव पर लैंगिक भेदभाव और बदजुबानी का इल्जाम लगाया था। साथ ही अंगकिता ने कहा था कि राहुल गाँधी ने भी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया और प्रताड़ना का सिलसिला जारी रहा। पीड़िता कांग्रेस नेत्री ने कहा था कि, 'श्रीनिवास बीते 6 महीनों से उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे हैं। लैंगिक टिप्पणी करते हैं। अपशब्दों का उपयोग करते हैं। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करने पर उन्हें गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दे रहे हैं।' अंगकिता दत्ता की मानें तो लगभग 6 महीने से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गाँधी को भी इस बारे में बताया और मदद मांगी, किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि स्त्री होने की वजह से उनके साथ भेदभाव हुआ। इन आरोपों के बाद असम कांग्रेस ने पहले अंगकिता को ही कारण बताओ नोटिस भेज दिया, फिर उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी से निकाल दिया। वहीं, आरोपी श्रीनिवास को कर्नाटक के लिए जो स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की उसमें स्थान दिया। रामनवमी हिंसा का असली 'कसूरवार' कौन ? बंगाल पुलिस ने पूर्व चीफ जस्टिस की टीम को तो रोक दिया, अब NIA खोलेगी राज कालियागंज हिंसा: आक्रोशित लोगों ने बंगाल पुलिस को बंधक बनाकर पीटा, जावेद पर नाबालिग की हत्या का आरोप, Video Operation Kaveri: सूडान से निकाले गए 798 भारतीय, लगे भारत माता और पीएम मोदी के जयकारे