'CM बनते ही बदल गए..', EVM पर अब्दुल्ला ने नहीं दिया साथ, तो आगबबूला हुई कांग्रेस

 

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को सिरे से खारिज करते हुए बयान दिया कि राजनीतिक दल चुनाव जीतने पर EVM की तारीफ नहीं कर सकते और हारने पर उसे दोष नहीं दे सकते। उमर ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को EVM पर भरोसा नहीं है, तो उन्हें चुनाव ही नहीं लड़ना चाहिए। हालाँकि, अपने साथी का यह बयान कांग्रेस को रास नहीं आया और उसने अपने ही सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला पर तीखा पलटवार कर दिया।  

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने उमर अब्दुल्ला के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। टैगोर ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर का अपने सहयोगी दलों के प्रति रवैया क्यों बदल गया है? टैगोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उमर के बयान का वीडियो साझा करते हुए उन पर तथ्यों की जांच न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि न केवल कांग्रेस, बल्कि समाजवादी पार्टी (SP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), और शिवसेना (यूबीटी) ने भी EVM पर सवाल उठाए हैं। टैगोर ने तंज कसते हुए कहा, "उमर अब्दुल्ला, कृपया अपने तथ्यों की जांच करें।"  

दरअसल, उमर अब्दुल्ला के इस बयान ने कांग्रेस की असहिष्णुता को एक बार फिर उजागर कर दिया। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने अपने सहयोगियों पर निशाना साधा हो। हाल के दिनों में कांग्रेस का रुख यही रहा है कि जो भी उनकी हाँ में हाँ नहीं मिलाता, वह उनका निशाना बन जाता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए कुछ फैसलों पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए, जब वे फैसले कांग्रेस के मनमुताबिक नहीं थे।  

उल्लेखनीय है कि, शुक्रवार को एक इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस की EVM को लेकर उठाई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि यह रवैया सही नहीं है। उन्होंने कहा, "जब इसी EVM से चुनाव जीतकर आपके सौ से अधिक सांसद संसद में पहुंचते हैं, तो आप खुशी से जीत का जश्न मनाते हैं। लेकिन कुछ महीनों बाद जब चुनाव परिणाम आपके पक्ष में नहीं आते, तो आप EVM को दोषी ठहराने लगते हैं। ऐसा दोहरा मापदंड नहीं चलेगा।"  

कांग्रेस की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी को सत्य सुनना और उसे स्वीकार करना मुश्किल हो रहा है। EVM को लेकर उनके विरोधाभासी रुख और सहयोगी दलों पर आरोप लगाने से उनकी रणनीति पर सवाल खड़े होते हैं। कांग्रेस न केवल अपने विरोधियों पर, बल्कि अपने सहयोगियों पर भी निशाना साधने से पीछे नहीं हटती, अगर वे कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाते।  

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि EVM का उपयोग वही है, जिससे कांग्रेस ने कई बार चुनावी सफलता पाई है। लेकिन जब चुनाव परिणाम उनके खिलाफ जाते हैं, तो वही EVM उनकी आलोचना का केंद्र बन जाती है। उमर अब्दुल्ला का बयान न केवल कांग्रेस की दलीलों को खारिज करता है, बल्कि यह भी बताता है कि दोहरे मापदंड से लोकतंत्र को नुकसान होता है। कुल मिलाकर, उमर अब्दुल्ला ने EVM को लेकर सटीक सवाल उठाए हैं। लेकिन कांग्रेस की तिलमिलाहट यह दिखाती है कि पार्टी खुद अपने रुख को लेकर आश्वस्त नहीं है।

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