कढ़ी पत्ते को खाने से कई बीमारियां सही हो जाती हैं और इसे आयुर्वेद में भी औषधियां माना गया है। आज हम आपको कढ़ी पत्ते के फायदे बताने जा रहे हैं और इसके फायदे पढ़ने के बाद आप भी इसका प्रयोग जरूर करेंगे। बाल हों कालें: जिन लोगों के बाल कम ही आयु में सफेद हो गए हैं, वो लोग कढ़ी पत्ते का पेस्ट अपने बालों पर लगाया करें। इसका पेस्ट बालों पर लगाने से सफेद बालों की समस्या से निजात मिल जाएगी और बाल काल बन जाएंगे। शुगर हो कम: शुगर के मरीजों के लिए कढ़ी पत्ता खाना फायदेमंद साबित होता हैं। जिन लोगों को अधिक शुगर है अगर वो इसका सेवन करते हैं तो खून में शुगर का स्तर कम होने लग जाता है और शुगर कंट्रोल में आ जाती है। वहीं नियमित रुप से इसका सेवन करने से शुगर का रोग नहीं होता है। आंखों के लिए लाभदायक: कढ़ी पत्ते का सेवन करने से आंखे दुरूस्त बनीं रहती हैं और इसे खाने से आंखों से जुड़े रोग नहीं होते हैं। दरअसल कढ़ी पत्ते के अंदर विटामिन A पाया जाता है, जो कि आंखों के लिए उत्तम माना जाता है और विटामिन A युक्त चीजें खाने से आंखों की रोशनी सही बनीं रहती है। इसलिए जिन लोगों को चश्मा चढ़ा हुआ है वो लोग कढ़ी पत्ता जरूर खाएं। बाल बनें लंबे: कढ़ी पत्ते को बालों के लिए भी अच्छा माना जाता है और इसे खाने से बाल लंबे हो जाते हैं। इसके अलावा इसके पानी से अगर बालों को धोया जाए तो बालों को मजबूती मिलती है। वहीं आप चाहें तो कढ़ी पत्ते का पेस्ट भी अपने बालों पर लगा सकते हैं। कढ़ी पत्ते का पेस्ट तैयार करने के लिए कढ़ी पत्तों को अच्छे से पीस लें और इसके अंदर सरसों का तेल मिला दें। इस पेस्ट को बालों की जड़ों पर अच्छे से लगा लें। ये पेस्ट लगाने से बाल जड़ों से मजबूत हो जाते हैं और आसानी से नहीं टूटते हैं। कब्ज से मिले राहत: कब्ज की समस्या से परेशान लोग कढ़ी पत्ता जरूर खाया करें। क्योंकि इसे खाने से कब्ज दूर हो जाती है और पेट साफ हो जाता है। एक गिलास पानी को गर्म करने के लिए गैस पर रख दें और इस पानी के अंदर कढ़ी पत्ते को डालकर अच्छे से उबाल लें। जब ये पानी उबल जाए तो गैस बंद कर इसे छानकर पी लें। ये पानी पीने से कब्ज दूर हो जाएगी। अगर नींद में पार्टनर को छूने की है आदत तो हो जाएं सतर्क, वरना हो सकते हैं इस बीमारी से पीड़ित दुनिया में छाया प्रकृति का प्रकोप, इन रूप में आईं आपदाएं सुबह गुनगुने पानी में मिला ले ये एक चीज़, वजन कम करने के साथ मिलेंगे ये सभी लाभ