आपको ये चेक करना है की आपको बुखार है या नहीं तो आपको इस नए टेम्परेचर से ये पता चल पाएगा क्युकी इंसान के शरीर का तापमान कम यानी ठंडा होता जा रहा है। साल 1851 में शरीर के स्टैंडर्ड औसत बॉडी टेंपरेचर को 37 डिग्री सेल्सियस यानी 98.6 डिग्री फैरनहाइट रखा गया था लेकिन तब से लेकर अब तक इसमें धीरे-धीरे कमी दर्ज की गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की समीक्षा की और पाया कि साल 2000 में जन्मे पुरुषों के शरीर का तापमान 1800 में जन्मे पुरुषों की तुलना में औसतन 1.06 डिग्री फैरनहाइट कम है। ध्यान देने वाली बात ये है की हमारा वातावरण बदल चुका है, हमारे घर के अंदर का तापमान बदल चुका है, माइक्रोऑर्गैनिज्म से हमारा संपर्क बदल चुका है और हम जिस तरह के भोजन का सेवन कर रहे हैं उसमें भी बदलाव आ चुका है। ऐसे में अगर हम ये सोचें कि मनुष्य के उद्भव यानी विकास से लेकर अब तक हम एक जैसे ही हैं तो ऐसा नहीं है। साल 2000 में जन्म लेने वाली महिलाओं के शरीर का तापमान 1890 में जन्म लेने वाली महिलाओं की तुलना में 0.58 डिग्री फैरनहाइट कम था। ऐसे में देखें तो ओवरऑल बॉडी टेंपरेचर में हर दशक में 0.03 डिग्री सेल्सियस यानी 0.05 डिग्री फैरनहाइट की कमी देखी जा रही है। मॉर्डन हीटिंग और एयर कंडिशनिंग के इस्तेमाल से भी स्थायी तापमान और रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट में कमी आयी है। ऐसे में आज के समय में ट्रडिशनल 98.6 फैरनहाइट की जगह 97.5 फैरनहाइट शरीर का नॉर्मल टेंपरेचर बन गया है। छोटी से छोटी कब्जियत को भी दूर कर देगी यह चीज, जानें पूरी बातें... 2020 में सेहत का ख्याल रखने के लिए इन टिप्स का ले साथ, अच्छा स्वस्थ का करे संकल्प डायबिटीज कण्ट्रोल करने ये फूड्स अपनाये, जल्द असर के लिए जरूर अपनाये