आमतौर पर विटामिन डी की कमी से कई परेशानी होती है और लोग इसकी कमी को दूर करने के लिए कई तरह की दवाइयों का सेवन करते है लेकिंग क्‍या आप जानती हैं कि बॉडी में विटामिन डी ज्‍यादा होना भी आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता हैं। ये बात एक नई रिसर्च से सामने आई है। इसलिए बॉडी में इसी सही मात्रा को बनाए रखना बेहद जरूरी हैं। बॉडी में विटामिन डी ज्‍यादा होने पर किडनी को कैसे नुकसान हो सकता है, आइए इस नई रिसर्च के बारे में जानें। लेकिन सबसे पहले जान लेते हैं कि विटामिन डी हमारी बॉडी के लिए क्‍यों जरूरी है। इसके अलावा ध्यान देने वाली बात ये है की हमारे संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। यह बॉडी में कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल में करने का काम करता है, जो नर्वस सिस्‍टम के काम और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। साथ ही ये बॉडी के इम्‍यून सिस्‍टम को भी बढ़ाता है, जिससे हम कई तरह की बीमारियों से बच रह सकते हैं। लेकिन बॉडी में इसकी कमी होने से मोटापा बढ़ने के साथ ही डिप्रेशन, हड्डियों में दर्द, इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर, थकावट, एनर्जी लेवल कम होना आदि हो सकती हैं। हालांकि विटामिन डी की रोजाना 400-1000 IU खुराक लेनी चाहिए, लेकिन ऑस्टियोपोरोसिस के हाई जोखिम वाले बड़ी उम्र के लोगों और अन्‍य बड़ी उम्र के लोगों में विटामिन डी 800-2000 IU अनुशंसित किया गया है। हालांकि, विटामिन डी की विषाक्तता एक बड़ी चिकित्सीय सीमा के कारण दुर्लभ है, लेकिन विभिन्न ओवर-द-काउंटर में इसकी व्यापक उपलब्धता असंक्रमित रोगियों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है," इसके अलावा हाइपरलकसीमिया से संबंधित जटिलताओं को सीमित करने के लिए चिकित्सकों को विटामिन डी के उपयोग के जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए। पूरक सप्‍लीमेंट के बाद भी रोगियों में बेहतर होने से पहले कैल्शियम का लेवल खराब हो सकता है, क्योंकि विटामिन डी फैट में घुलनशील होता है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया, "हमारा अनुभव हमें बताता है कि रोगियों और चिकित्सकों को विटामिन डी के अधूरे उपयोग के जोखिमों के बारे में बेहतर जानकारी दी जानी चाहिए।" ब्लड प्रेशर की समस्या को कण्ट्रोल करने के लिए अपनाये ये उपाय , जल्द मिलेगा आराम स्ट्रेस को दूर करने के साथ ही सेहतमंद बनता है बागवानी का काम , जाने लाभ बढ़ी हुई तोंद को कम करना चाहते है तो ये जरूर पढ़ ले ये उपाय