देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन और रोकथाम के दूसरे उपाय बेहद मायने रखते हैं. यदि सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया होता है तो इस समय देश में कोरोना संक्रमण के लगभग दो लाख मामले होते. वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अस्‍पतालों और क्‍वारंटाइन केंद्रों में काम कर रहे डॉक्‍टरों व अन्‍य मेडिकल स्‍टाफ को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराएं. अमेरिका का ऐलान, हिजबुल्ला कमांडर की जानकारी देने वाले को एक करोड़ डॉलर का इनाम शनिवार को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने अपनी रोजाना प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यदि लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो अब तक देश में कोरोना संक्रमण के 45 हजार केस होते और यदि कोई एहतियात नहीं बरती जाती तो मरीज बढ़कर दो लाख हो गए होते. देश में 586 अस्पताल हैं जो कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित किए गए हैं. कोरोना से जंग में खर्च होगा IIFA के लिए जुटाया गया पैसा, सीएम शिवराज ने किया ऐलान आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव पुण्‍य सलिला श्रीवास्‍तव ने अपनी रोजाना प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि लॉकडाउन का सख्‍ती से पालन कराया जा रहा है. कल मंत्रालय ने डिजास्‍टर मैनेजमेंट एक्‍ट के तहत जो गाइडलाइन जारी की थी उसमें एक राहत प्रदान की गई है. गाइडलाइन में फ‍िशिंग मरीन एवं मछली पालन उद्योग को लॉकडाउन के प्रतिबंधों से राहत प्रदान की गई है. तानाशाही पर उतर आया चीन, कोरोना के बहाने अफ्रीकी लोगों पर कर रहा अत्याचार पीएम मोदी और सीएम योगी पर की अभद्र टिप्पणी, कांग्रेस प्रदेश सचिव गिरफ्तारकोरोना संकट में बीच छिड़ा महासंग्राम, WHO और चीन पर भड़का ताइवान