नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी की दवा खोजने की कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में भारत में अश्वगंधा (Ashwagandha), यष्टिमधु (Yashtimadhu), गुडूची पिप्पली (Guduchi Pippali), आयुष-64 जैसे पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल आरंभ हो चुका है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्यकर्मी और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों पर इनका क्लीनिकल ट्रायल आरंभ किया गया है।यह स्टडी आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और विज्ञान मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के तकनीकी समर्थन से पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही परीक्षण मौजूदा उपायों के साथ ही मानक देखभाल के तौर पर किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने गुरुवार को संयुक्त रूप से कोरोना वायरस से जुड़ी तीन केंद्रीय आयुष मंत्रालय आधारित अध्ययनों का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से आयुष मंत्रालय प्रोफिलैक्सिस के रूप में आयुर्वेद हस्तक्षेपों पर नैदानिक अनुसंधान अध्ययन और कोरोना वायरस की देखभाल के लिए एक ऐड-ऑन के रूप में लॉन्च किया गया है। मंत्रालय ने 50 लाख लोगों के टारगेट के साथ बड़ी आबादी का डेटा एकत्रित करने के लिए 'आयुष संजीवनी' मोबाइल ऐप भी डेवलप किया है। पाकिस्तान में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम घटे, वहीं भारत में इससे सरकारी खजाने भरने की कवायद GSK ने हिन्दुस्तान यूनिलीवर की अपनी हिस्सेदारी बेची, 25480 करोड़ रुपये में हुई डील SBI ने अपने ग्राहकों को दिया बड़ा तोहफा, क़र्ज़ पर घटाई ब्याज दर