इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई की गई. यूपी सरकार ने उच्च न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट में जारी मामले की सुनवाई का हवाला दिया. एडवोकेट जनरल ने कहा कि मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर के लिए राज्य सरकार की तरफ से आवेदन दिया गया है. राज्य सरकार की दलील है कि विभिन्न जगहों पर सुनवाई से मामले को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. उच्च न्यायालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्टे नहीं दिया है. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को 25 जनवरी तक की मोहलत दी है. अब 25 जनवरी को दोपहर 2 बजे उच्च न्यायालय मामले पर अंतिम सुनवाई करेगी. बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने धर्मांतरण अध्यादेश को संविधान के खिलाफ और अनावश्यक बताते हुए चुनौती दी है. याचिका में अध्यादेश के गलत इस्तेमाल की भी आशंका जताई गई है. यूपी सरकार ने इस मामले में 5 जनवरी को ही अपना जवाब दायर कर दिया था. सरकार ने अपने जवाब में अध्यादेश को आवश्यक बताया है. सरकार ने कहा था कि कानून व्यवस्था को देखते हुए यह अध्यादेश लाया गया है. चार अलग-अलग याचिकाओं में अध्यादेश को चुनौती दी गई है. आज इलाहबाद हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायधीश एसएस शमशेरी की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के बावजूद सोने की कीमतों में नहीं हुई कम पेट्रोल, डीजल पर रिकॉर्ड शुल्क के साथ इस वित्त वर्ष में 48 टन तक उत्पाद शुल्क में हुई वृद्धि कोचीन इंटल एयरपोर्ट पर सौर ऊर्जा संयंत्र हुआ शुरू