1- मेरी आँखों में यही हद से ज्यादा बेशुमार है, तेरा ही इश्क़, तेरा ही दर्द, तेरा ही इंतज़ार है। 2- ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा, क्योंकि हस्र की परवाह मैं नहीं करता, फनाह होना तो रिवायत है तेरी, इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता। 3- यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहा, कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से। 4- इश्क़ तो बस मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं, ये वो मंज़िल है जिस में सब कामयाब नहीं, जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पर गिन लो, जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं। 5- एक बार कर के ऐतबार लिख दो, कितना है मुझ से प्यार लिख दो, कटती नहीं ये ज़िन्दगी अब तेरे बिन, कितना और करूँ इन्तज़ार लिख दो। 6- तरस रहे हैं बड़ी मुद्दतों से हम, अपनी मुहब्बत का इज़हार लिख दो, दीवाने हो जाएँ जिसे पढ़ के हम, कुछ ऐसा तुम एक बार लिख दो। 7- वो एक पल जिसे तुम सपना कहते हो, तुम्हें पाकर मुझे ज़िंदगी सा लगता है। 8- नजर से दूर रहकर भी किसी की सोच में रहना, किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो। 9- लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से, एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये। 10- राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।