पंजाब पानी की कमी से परेशान, सीएम ने सर्वदलीय बैठक में लिया बड़ा निर्णय

नदियों का पानी कितना कीमत है. इस बात का अंदाजा पंजाब के रूख को देखकर लगाया जा सकता है. पंजाब में पानी पर माहौल फिर गर्मा गया है. पंजाब ने कहा है कि वह अपनी नदियों का पानी किसी भी सूरत में अन्‍य राज्‍यों को नहीं दे सकता. पंजाब में गहराते जल संकट को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक केवल नदी जल विवाद पर सीमित होकर रह गई. सभी दलों ने कहा कि पंजाब की नदियों में दूसरे राज्यों को देने के लिए पानी नहीं है. इस बात को केंद्र सरकार गंभीरता से समझे. कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की नदियाें का पानी किसी अन्‍य राज्‍य को न दे.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में सतलुज यमुना लिंक (एसवाइएल) नहर को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं पारित किया गया, लेकिन अकाली दल व आप सहित सभी पार्टियों ने कहा कि एसवाइएल नहर का बनना पंजाब के लिए घातक होगा. अकाली दल के महेश इंदर सिंह ग्रेवाल ने तो यहां तक कह दिया कि यदि एसवाइएल नहर बनी तो पंजाब में आतंकवाद फिर से लौट सकता है.

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अपने बयान में ग्रेवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उस बयान को ही दोहरा रहे हैैं जिसमें उन्होंने कहा था कि एसवाइएल नहर बनने से पंजाब में हिंसा बढ़ सकती है और आतंकवाद के वापस आने की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सभी दलों को एकजुट होकर लड़ाई लडऩे की जरूरत है. उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा के बीच एसवाइएल नहर का विवाद चार दशक से भी ज्यादा पुराना है. मामला काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट विवाद सुलझाने के लिए चेतावनी भी दे चुका है.

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