नई दिल्ली। उत्तराखंड में जोरदार बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हालात ये हैं कि यहाॅं के कई क्षेत्रों में भूस्खलन से कई महत्वपूर्ण मार्ग प्रभावित हुए हैं। हालांकि कई स्थानों पर पर्यटकों को राहत पहुॅंचाई गई है। मगर ऐसे हालातों से जून वर्ष 2013 का उत्तराखंड में हुआ केदारनाथ हादसा याद आ जाता है। मिली जानकारी के अनुसार बारिश का मौसम आते ही प्रतिवर्ष उत्तराखंड के रहवासी सहम जाते हैं। इस बार भी बारिश के दौर में हालात बेहद खराब रहे। जहां राज्य के कुछ नेशनल हाईवेज़ भूस्खलन के चलते जाम हो गए थे और इन पर आवाजाही प्रभावित हुई थी वहीं जानकारी सामने आई है कि मंगलवार को पिथौरागढ़ के बरम क्षेत्र में बादल फटने के चलते बड़े पैमाने पर जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ। यहाॅं पर इस आपदा के चलते मोटर पुल तक बह गया। हालांकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का दल राहत अभियान में लगा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार मालधनचैड़ क्षेत्र के ढेला बैराज में 35 हजार क्यूसेक पानी को नदी की ओर छोड़ना पड़ा ऐसे में नदी जल का स्तर बढ़ गया और नदी में उफान आ गया। अब राहत दल इस क्षेत्र में सक्रिय हो गया है। UKSSSC में 1218 पदों पर भर्ती उत्तराखंड में बारिश से हाल बेहाल, कई नदियाॅं बह रही हैं खतरे के निशान से ऊपर उत्तराखंड जल विद्युत् निगम ने कई पदों पर निकाली भर्ती