रांची: झारखंड में विलय हुए 5600 विद्यालयों को फिर से खोला जाएगा। इन विद्यालयों को खोलने की तैयारी आखिरी चरण में है। बंद हुए वैसे विद्यालय जहां के भवन जर्जर हैं, उन्हें नहीं खोला जाएगा, जबकि अन्य विद्यालयों में पढ़ाई फिर से आरम्भ की जाएगी। संबंधित विद्यालय में जो शिक्षक कार्यरत थे, उन्हें दूसरे विद्यालयों से वापस लाकर पदस्थापित किया जाएगा। वहीं, पोषक क्षेत्र में आने वाले बच्चों को इसी विद्यालय में पढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार इसका प्रस्ताव मंत्रिमंडल की मीटिंग में लाने की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बीते महीने ही शिक्षा सचिव से इसकी जिलावार रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि शिक्षा मंत्री को अभी रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है, वजह सभी जिलों से आखिरी रिपोर्ट नहीं आयी है। सभी जिलों को रिपोर्ट भेजने के लिए अगले हफ्ते तक का वक़्त दिया गया है। अक्टूबर में दुर्गा पूजा के पश्चात् इसे खोलने की कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा तथा इसे पास कराया जाएगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दो दिन पूर्व इस मामले की फिर से समीक्षा की। उन्होंने विभाग को शीघ्र से शीघ्र रिपोर्ट मंगाकर प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। विद्यालयों के विलय होने के बाद कई विद्यालय के भवनों को दूसरे विभागों को दिया गया। उसे भी चिह्नित कर वापस लेने की कार्रवाई की जाएगी। विलय हुए विद्यालयों को खोलने का वादा झामुमो ने झारखंड विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में किया था। अब उसे पूरा करने की तरफ सरकार कदम उठा रही है। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा, 'पिछली सरकार ने विलय के नाम पर विद्यालयों को बंद कर दिया था। इससे सुदूरवर्ती क्षेत्रों के निर्धन बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए थे। झारखंड सरकार अब इन विद्यालयों को खोलेगी। जहां के भवन जर्जर होंगे, उन्हें छोड़, बाकी सभी विलय हुए विद्यालयों को खोला जाएगा।' J&K में पहली बार आधिकारिक तौर पर मनी महाराजा हरि सिंह की जयंती, मोदी सरकार ने घोषित किया अवकाश शराब, बस के बाद अब केजरीवाल सरकार का 'जल घोटाला' उजागर.., LG ने दिए जांच के आदेश 'जो पाकिस्तान न कर सका, वो CM गहलोत ने कर दिया...', नवरात्री पर राजस्थान पुलिस के आदेश पर बवाल