कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. कैलाश पर्वत बहुत पवित्र पर्वत है. इस पर्वत में ना जाने कितने रहस्य छुपे हुए है. इस पर्वत में बहुत सारी चमत्कारी शक्तियों का प्रवाह होता है. यहाँ धरती और आकाश मिलते हुए दिखाई देते है. जहां चारों दिशाएं मिल जाती हैं. यह पर्वत एक विशाल शिवलिंग का रूप लिए हुए है. मानसरोवर को दो सरोवरों का आधार है. पहला मानसरोवर जिसका पानी दुनिया का सबसे शुद्ध पानी है. दूसरी तरफ है राक्षस झील जिसका पानी दुनिया का सबसे ज़्यादा खारा पानी है. धर्मशास्त्रों में मानसरोवर झील का नाम क्षीर सागर बताया गया है. कहते है की इसी क्षीर सागर में भगवान विष्णु व लक्ष्मी शेषनाग पर विराजमान हैं. शास्त्रों में यह भी वर्णित है की इस झील का निर्माण सबसे पहले भगवान ब्रह्मा के मन से हुआ था. इस पर्वत पर माता सती के शरीर का दाहिना हाथ गिरा था. गर्मियों के मौसम में जब बर्फ पिघलती है तब यहाँ अपने आप ही मृदंग की आवाज सुनाई देती है. ये कैलाश-मानसरोवर पर्वत उतना ही पुराना है, जितना की हमारी सृष्टि. कैलाश मानसरोवर को कुबेर की नगरी भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है की प्रातःकाल में देवतागण स्नान करने यहाँ आते है. जब सुबह सूरज की पहली किरण कैलाश पर्वत पर पड़ती हैं तो यह पर्वत सुनहरा दिखाई देने लगता है. और पर्वत पर सूरज की किरणों से 'ॐ' का आकर बन जाता हैं. कहा जाता है कि सबसे पवित्र फूल नीलकमल भी मानसरोवर में ही खिलता है. शनिवार के दिन ना करे सूर्य की पूजा शनि पूजा के समय इन बातो का धयान रखना है ज़रूरी मनोकामना पूर्ति के लिए हर महीने करे शिवरात्रि का व्रत