रोजगार एवं आजीविका के क्षेत्र में राजस्थान सरकार महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत गहलोत सरकार ने सरकारी विभागों एवं निजी फर्मों में महिलाओं के लिए वर्क फ्रॉम होम स्कीम आरम्भ की है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, आर्थिक तौर पर कमजोर, विधवा, तलाकशुदा, दिव्यांग, हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इस स्कीम के तहत प्राथमिकताएं दी जाएगी। राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अफसर के अनुसार, सीएम ने वर्क फ्रॉम होम योजना का ऐलान पिछले बजट के चलते ही कर दिया था। अब इस योजना को प्रदेश सरकार ने mahilawfh।rajasthan।gov।in लॉन्च कर दिया है। जनाधार कार्ड के माध्यम से महिलाएं इस पोर्टल पर पंजीकरण करा सकती हैं। महिलाओं को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरियां प्रदान की जाएंगी। वेतन कितना होगा ये विभाग या फर्मों द्वारा तय किया जाएगा। निजी फर्मों में 20 प्रतिशत तक महिलाओं का नामांकन किए जाने प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, महिलाओं को काम उपलब्ध कराने वाली कंपनी एवं सरकारी विभाग को संबिधित महिला को प्रशिक्षण देने के बदले में सरकार प्रति महिला 3 हजार रुपये देगी। फिलहाल इस योजना के तहत महिलाओं को अकाउंटिंग संबंधी, वेब डिजाइनिंग, डेटा एनालिसिस, सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग,टाइपिंग, डॉक्यूमेंटेशन, काउंसिलिंग सेवाएं, सिलाई संबंधी काम, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग का काम उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश सरकार ने वर्क फ्रॉम होम योजना के तहत अगले 6 महीने में 20 हजार महिलाओं को रोजगार देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने इस स्कीम के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है तथा 6 महीने में तकरीबन 20,000 महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। इस स्कीम में अब तक 150 महिलाओं एवं 9 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। बता इस योजना का फायदा लेने के लिए आवेदन करने वाली महिलाएं राजस्थान की मूल निवासी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त उनकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। आवेदन करते समय महिलाओ के पास इस स्कीम से सभी दस्तावेजो का होना आवश्यक है। 'सत्ता में आकर तुझे सबक सिखाएंगे..', गुजरात में AAP कार्यकर्ताओं ने मंदिर के ट्रस्टी को धमकाया पंचायत उपयंत्री 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ाया,ऐसे हुआ ट्रैप 20 डाक्टरों ने मिलकर किया भारत का पहला फुल आर्म ट्रांसप्लांट