वास्तु शास्त्र अग्नि, वायु, पानी, पृथ्वी व आकाश पर आधारित होता है. सूर्य भी अग्नि का ही स्वरूप माना गया है. अत: सूर्य भी वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है.वास्तु शास्त्र के अनुसार जानिए सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक हमें किस समय क्या कार्य करना चाहिए- 1-वास्तु शास्त्र के अनुसार मध्य रात्रि से तड़के 3 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तरी भाग में होता है. यह समय अत्यंत गोपनीय होता है. यह दिशा व समय कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि को संभाल कर गुप्त स्थान पर रखने के लिए उत्तम है. 2- सूर्योदय से पहले रात्रि 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है. इस समय सूर्य पृथ्वी के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है. यह समय चिंतन-मनन व अध्ययन के लिए बेहतर होता है. 3- सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है. इसीलिए घर ऐसा बनाएं कि इस समय सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में आ सके. 4-सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सूर्य पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व में होता है. यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम है. रसोईघर व स्नानघर (बाथरूम) गीले होते हैं. ये ऐसी जगह होने चाहिए, जहां सूर्य की पर्याप्त रोशनी आ सके, तभी ये स्थान सूखे और स्वास्थ्यकर हो सकते हैं. 5- दोपहर 12 से 3 बजे तक आराम का समय होता है. सूर्य अब दक्षिण में होता है, अत: आराम कक्ष इसी दिशा में बनाना चाहिए. 6- दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक अध्ययन और कार्य का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है. अत: यह दिशा स्टडी रूम या लाइब्रेरी के लिए उत्तम है. जानिए वास्तु के अनुसार शीशे का महत्व वास्तुशास्त्र के अनुसार बीमारियों से बचने के उपाय इस मंदिर में होती है मेंढक की पूजा