हरियाणा सरकार की रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर हाईकोर्ट की रोक

हरियाणा: हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए बनाई गई सभी रेगुलराइजेशन पॉलिसियों पर आज हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने सरकार के इस फैसले पर रोक लगाते हुए कहा है कि अब सरकार इस केस का फैसला होने तक किसी भी कच्चे कर्मचारी को रेगुलर नहीं कर सकेगी.

रेगुलराइजेशन पॉलिसियों पर हाइकोर्ट ने रोक के बाद यह भी साफ कर दिया है कि जो भी कच्चे कर्मचारी अब तक इन रेगुलराइजेशन पॉलिसियों के तहत रेगुलर किए गए है उनका नियमितीकरण भी इस केस के फैसले पर ही निर्भर करेगा.

आपको बता दे कि योगेश त्यागी व अंकुर छाबड़ा सहित अनेक बेरोजगार योग्य युवाओं ने सरकार की इन रेगुलराइजेशन नीतियों को सविंधान की धारा 14 व 16 का खुला उल्लंघन बताते हुए, उमा देवी केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में वर्ष 2014 में चुनोती दी थी. जिस पर आज आगामी सुनवाई हुई. याचिकाकर्ताओं की और से अधिवक्ता अनुराग गोयल ने बेंच के समक्ष तमाम तथ्य रखे. जिस पर बेंच ने इन रेगुलाइजेशन पॉलिसियों पर तुरन्त रोक लगा दी है. 

यह फैसला हाईकोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने सुनाया है. वही इस मामले में मजेदार तथ्य यह भी है कि वर्तमान बीजेपी सरकार में खुद एडवोकेट जनरल कार्यालय ने भी अपने दोनों लीगल ओपिनियन में इन रेगुलराइजेशन नीतियों को गलत व कानून के विरुद्ध बताया था.

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