नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल, यूट्यूब और ट्विटर को योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो के लिंक को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्लॉक या निष्क्रिय करने के निर्देश जारी किए हैं. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा है कि केवल भारत के यूजर्स के लिए आपत्तिजनक लिंक निष्क्रिय या ब्लॉक करना काफी नहीं है. अदालत का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगों की पहुंच पर आंशिक रूप से नहीं बल्कि पूरी तरह से लगाम लगाएं. कोर्ट ने कहा कि, टेक्नोलॉजी और कानून के बीच की दौड़ को खरगोश और कछुए की दौड़ कह सकते हैं, जहां टेक्नोलॉजी सरपट छलांग लगाती है वही कानून भी अपनी रफ़्तार बनाए रखता है. कोर्ट ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों की व्याख्या ऐसे की जानी चाहिए कि न्यायिक आदेश का प्रभावी तरीके से अनुपालन किया जा सके. कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश जारी किया है कि प्लेटफ़ॉर्म के कंप्यूटर नेटवर्क पर भारत के भीतर से अपलोड की जाने वाली सभी आपत्तिजनक सामग्रियों को "वैश्विक आधार पर ब्लॉक करना होगा". कोर्ट के निर्देश के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कहा है कि उन्हें URL को ब्लॉक करने और उसे अक्षम करने में कोई गुरेज नहीं है. BSNL और MTNL को दोबारा खड़ा करेगी सरकार, दूरसंचार विभाग ने बनाई योजना पीयूष गोयल ने कारोबारी समझौते आरसीईपी को लेकर उद्योग जगत को दिया यह भरोसा बैंकिग संकट पर सरकार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की सलाह से कांग्रेस सहमत नहीं