ईंधन (पेट्रोल और डीजल) की कीमतों में लगातार वृद्धि पिछले कुछ महीनों से प्रमुख चिंता का विषय रही है और इसका असर अब उपभोक्ता खर्च पर देखा जा सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य जैसे अन्य खर्चों पर भीड़ लगा दी है। समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा लिखे गए एक नोट में कहा गया है कि एसबीआई की आर्थिक शाखा ने कार्ड खर्च का विश्लेषण किया, जिससे संकेत मिलता है कि ईंधन पर बढ़े हुए खर्च को समायोजित करने के लिए गैर-विवेकाधीन स्वास्थ्य पर खर्च में काफी कमी आई है। पेट्रोल की कीमतें देश भर में 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई, जबकि डीजल भी तीन-आंकड़े प्रति लीटर पर बंद हो रहा है। अनुमान के मुताबिक, 40 रुपये प्रति लीटर से अधिक केंद्र और राज्यों की सरकारों को कर और उत्पाद शुल्क के रूप में जाता है। करों में वृद्धि तब की गई जब वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई थी, लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी के बावजूद इसे वापस नहीं लिया गया। घोष ने कहा, "चूंकि उपभोक्ता ईंधन पर अधिक खर्च कर रहे हैं, इससे स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ रहा है। एसबीआई कार्ड खर्च के हमारे विश्लेषण से संकेत मिलता है कि ईंधन पर बढ़े हुए खर्च को समायोजित करने के लिए गैर-स्वास्थ्य व्यय पर खर्च में काफी कमी आई है।" उन्होंने कहा- "वास्तव में, इस तरह के खर्च ने अन्य गैर-विवेकाधीन वस्तुओं, जैसे किराना और उपयोगिता सेवाओं पर खर्च को इस हद तक बढ़ा दिया है कि ऐसे उत्पादों की मांग में काफी गिरावट आई है।" 400 तोतों की मौत के मामले को लेकर NGT ने दिया पंजाब वन विभाग को निर्देश, कहा- कराएं जांच... दिलीप कुमार को लेकर नसीरुद्दीन शाह ने कही बड़ी बात, बोले- इंडियन सिनेमा में कोई बड़ा योगदान नहीं रणदीप हुड्डा की ‘इंस्पेक्टर अविनाश’ में उर्वशी रौतेला आएंगी नजर, निभाएंगी ये किरदार