'ट्रैक्टर पार्किंग के लिए नहीं हैं हाईवे..', सुप्रीम कोर्ट ने दिए शंभु बॉर्डर खोलने के आदेश, किसान आंदोलन के कारण महीनों से है बंद

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार (12 अगस्त) को पंजाब और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों सहित शीर्ष पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर बैठक कर शंभू सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने की योजना बनाने का आदेश दिया, जिसे किसान आंदोलन के मद्देनजर अवरुद्ध कर दिया गया था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के शंभू सीमा को खोलने के फैसले के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने प्रदर्शनकारियों और सरकार के साथ बातचीत के लिए अदालत द्वारा गठित किए जाने वाले पैनल के लिए पंजाब और केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत नामों की सूची की सराहना की। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘‘हम शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए गठित किए जाने वाले पैनल की शर्तों पर एक संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे।’’ हालांकि, पीठ ने कहा कि यदि दोनों पक्ष मामले को सुलझाने में सक्षम हैं, तो उन्हें शीर्ष अदालत के आदेश की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। सुनवाई के दौरान पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने पीठ से आवश्यक कार्यों के लिए जाने वाले वाहनों  और दैनिक यात्रियों के मार्ग पर अवरोध हटाने के लिए कुछ निर्देश देने का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि पंजाब को सबसे पहले प्रदर्शनकारियों को ट्रैक्टर और ट्रॉलियों को स्थल से हटाने के लिए राजी करना चाहिए।

जस्टिस कांत ने सिंह से कहा कि, "आप किसानों को क्यों नहीं समझाते? राजमार्ग ट्रैक्टरों, ट्रॉलियों आदि के लिए पार्किंग स्थल नहीं हैं।" संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद कि किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे, हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे।

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