कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट, खजाना भरने के लिए सरकार ने किया ऐसा काम

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड (कच्चे तेल) की कीमतें तलहटी पर आ गई हैं कीमत गिरने के बाद भी आम जनता को गिरावट का लाभ नही मिल पा रहा है. जिसका कारण यह है कि केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें इस स्थिति का फायदा उठा कर अपना खजाना भरने में लगी हैं. मंगलवार देर रात केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर लागू विशेष उत्पाद शुल्क में 10 और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की भारी वृद्धि करने का एलान किया. आम जनता के लिए गनीमत बस यह है कि इसका असर इन उत्पादों की खुदरा कीमतों पर नहीं पड़ेगा. वैसे केंद्र के इस फैसले के कुछ ही घंटे पहले दिल्ली और पंजाब सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर वैट की दरों में वृद्धि करने का फैसला किया था जिसका बोझ दिल्ली व पंजाब की जनता पर पड़ेगा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि केंद्र की तरफ से की गई शुल्क वृद्धि 6 मई, 2020 से लागू मानी जाएगी. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक पेट्रोल व डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के तौर पर 8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जा रही है. इसके अलावा विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के मद में पेट्रोल पर 2 रुपये और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जा रही है.

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इस मामले को लेकर सरकार को उम्मीद है कि पूरे साल में इस वृद्धि से राजस्व संग्रह में 1,75,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा, जिसका इस्तेमाल ढांचागत विकास व दूसरे विकास कार्यो में किया जाएगा. राजस्व संग्रह का सरकार का मंसूबा तभी पूरा होगा जब देश में पेट्रोल व डीजल की बिक्री भी सामान्य होगी. 25 मार्च, 2020 से जारी लॉकडाउन से इन दोनों उत्पादों की बिक्री में 70 फीसद तक की कमी हो चुकी है. वैसे एकमुश्त पेट्रो उत्पादों पर कभी भी इतनी बड़ी शुल्क वृद्धि नहीं की गई है.

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