हिमाचल: भाजपा ने खोले थे 14 ITI और 43 आयुर्वेदिक संस्थान, कांग्रेस ने सत्ता मिलते ही लगाया ताला

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के हाथों में आते ही सियासी फैसले शुरू हो गए हैं। दसरासल, सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के कार्यकाल के दौरान खोले गए संस्थानों और कार्यालयों को बंद कर रही है और इसका एक  सिलसिला सा चल पड़ा है, जो थम नहीं रहा है, क्योंकि एक बार फिर से कई विभागों और संस्थानों को बंद किया गया है। सीएम सुक्खू की सरकार ने सूबे के 6 पॉलीटेक्निक कॉलेज, 14 आईटीआई, दो आयुर्वेदिक अस्पताल सहित 43 आयुर्वेदिक हेल्थ सेंटर (AHC) को बंद कर दिया है। अभी तक सरकार की ओर से 404 दफतरों और संस्थानों को बंद किया गया है।

सूबे में कई ऐसे संस्थान भी बंद होने वाले हैं, जिनकी शुरुआत विधानसभा चुनाव शुरू होने से एन पहले हुई थी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने चोलथरा और मंडी में खोले गए पॉलीटेक्निक कॉलेजों को बंद कर दिया है। बता दें कि, चोलथरा पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र है। मंडी में कुल मिलाकर 3 ITI को भी बंद कर दिया गया है। हालांकि, सरकार के इस फैसले से छात्रों को अधिक नुकसान नहीं होगा, क्योंकि यहां पर अभी कक्षाएं शुरू नहीं हुई थीं। कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने शिक्षण संस्थानों के अलावा स्वास्थ्य केंद्रों को भी बंद करने का निर्णय लिया है।

बता दें कि, पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए थे। कांग्रेस ने सत्ता हाथ में आते ही इन आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी बंद कर दिया है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुंदरनगर और गड़खल में बनाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, सूबे के 43 आयुर्वेदिक संस्थानों में से 31 आयुर्वेदिक संस्थान ऐसे थे, जहां लोगों का उपचार शुरू हो गया था। इसमें से 5 स्थान अभी खोले जाने बाकी थे। वहीं, इन संस्थानों में काम करने वाले स्टाफ को कहा गया है कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अपने संबंध में जानकारी दें। बता दें कि, राज्य में सरकार बनने के बाद से ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को कांग्रेस सरकार द्वारा पलटा जा रहा है। कई फैसलों को लेकर रिव्यू रिपोर्ट भी मांगी गई है।

मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी सही थी या गलत ? 6 साल बाद सुप्रीम कोर्ट देगी फैसला

फ्री बिजली के साइड इफ़ेक्ट, पंजाब की AAP सरकार को चुकाने होंगे 20,000 करोड़ !

खतरा बना ग्लोबल! लैटिन अमेरिकी देशों में चीन से भी अधिक कहर

 

Related News