फलदार पौधे या कलमें बेचने के लिए लेना पड़ेगा लाइसेंस वरना, इतने साल की हो सकती है सजा

हिमाचल सरकार व्यवस्था में सूधार करने के लिए लगातार नए कानून ला रही है, इसी कड़ी में सरकार ने बिना लाइसेंस सेब या अन्य फलों के पौधे या कलमें बेचने वाले को एक साल की कैद और 50 हजार तक जुर्माना तय किया है. गैर पंजीकृत नर्सरी पाई गई तो उसे भी नष्ट किया जाएगा. हिमाचल सरकार ने नया नर्सरी कानून लागू कर दिया है. यह कानून चार साल पहले वीरभद्र सरकार में बन गया था, पर इसके नियम नहीं बने थे. अब नियम बनाकर जयराम सरकार ने इसे लागू कर दिया है.

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने हिमाचल प्रदेश फल पौधशाला रजिस्ट्रीकरण और विनियमन अधिनियम 2015 नाम के इस कानून की अधिसूचना जारी कर दी है. एक जनवरी 2020 से इसे लागू कर दिया गया है. हिमाचल में लाखों बागवान इन दिनों सेब पौधरोपण की प्रक्रिया में जुट गए हैं. नए एक्ट में कोई भी व्यक्ति जिसके पास फलदार पौधों की नर्सरी है, लेकिन कंपीटेंट अथारिटी के पास बिना पंजीकरण और लाइसेंस सेब या अन्य फलों के पौधे नहीं बेचेगा.

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इस कानून के आने के बाद से न ही वह बड वुड यानी कल में और दूसरे प्लांट मैटीरियल बेच सकेगा. अगर किसी व्यक्ति की एक से अधिक जगह पर किसी भी तरह की नर्सरी होगी या बड वुड बैंक होगा तो उसे उसका अलग पंजीकरण करना होगा. नर्सरी और बड वुड बैंक का लाइसेंस पांच साल के लिए मान्य होगा. इसके बाद रिन्यू करवाना जरूरी होगा. लाइसेंस के गुम या नष्ट होने पर डुप्लीकेट लाइसेंस देने का भी प्रावधान होगा. अगर किसी को लाइसेंस देने में अथॉरिटी आनाकानी करे तो नर्सरी उत्पादक और बड वुड मालिक इसकी अपील कर सकेगा. प्राधिकृत एजेंसी की ओर से सुझाए रूट स्टॉक और प्रजातियों को ही नर्सरी मैन इस्तेमाल कर पाएगा.

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