विविधता में एकता वाले देश इंडिया में यों तो बोली जाने वाली भाषाओं की तादाद बहुत अधिक है और संवैधानिक रूप से 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा भी प्रदान किया गया है। फिर भी हिंदी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और अंग्रेजी को 10 प्रतिशत से भी कम आबादी बोलना पसंद करती है। भाषाओं की जंग के मध्य ही इनमें करियर का विकल्प भी चुना जा रहा है। आज सबसे हॉट सब्जेक्ट कौन सा है और किस विषय की पढ़ाई बेहतर रोजगार के दरवाजे खोल सकती है, इसकी सूचना इंडियन गवर्नमेंट ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से दे दिया है। भारत सरकार ने हिंदी-अंग्रेजी की लड़ाई के मध्य छात्रों को रोजगार के लिहाज से संस्कृत विषय चुनने की सालाह दे दी है। स्वदेशी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर भारत सरकार के नागरिकों से जुड़ाव के मंच माईगवइंडिया (@MyGovIndia) के जरिये एक KOO पोस्ट की है। बुधवार को की गई इस पोस्ट में मंच ने बोला है कि, ‘खुशखबरी! संस्कृत की शिक्षा रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने वाली है। #TransformingIndia’ इस पोस्ट के साथ ही सरकार ने एक ग्राफिक्स भी साझा की है। इस ग्राफिक्स में सबसे ऊपर राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानम की एक फोटो लगाई गई है, जो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त महाविद्यालय है। इसमें नीचे लिखा गया है कि छात्रों के लिए संस्कृत की शिक्षा रोजगार के तमाम अवसर मुहैया करवाने वाली है। जिसके साथ संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के लिए बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने वाले है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानम एक शैक्षणिक संस्थान है, जो इंडियन गवर्नमेंट द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित मानित विश्वविद्यालय है। सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा वर्ष 1956-57 में संस्कृत आयोग की अनुशंसा पर जिसकी स्थापना 1970 में की थी। फिलहाल देश भर के तमाम प्रदेशों में इस महाविद्यालय के दर्जन भर से ज्यादा परिसर संचालित भी किए जाने लगे है। यहां पर प्राक-शास्त्री, शास्त्री, आचार्य, विद्या-वारिधि, शिक्षा-शास्त्री और शिक्षा-आचार्य पाठ्यक्रम पेश कर दिया गया है। जबकि इस कैंपस में साहित्य, व्याकरण, ज्योतिष, शिक्षा, जैन दर्शन तथा आधुनिक विभाग संचालित होने लगे है। वहीं, वेद, पुराण इतिहास, सांख्य योग समेत अन्य विभागों की स्वीकृति भी परिसर के नजदीक उपलब्ध किए जा चुके है। प्राकशास्त्री, शास्त्री,(B.A.) आचार्य (M.A.) शिक्षाशास्त्री (B.Ed.), शिक्षाचार्य (M.Ed.) तथा विद्यावारिधि पाठ्यक्रम परिसर में संचालित किए जा रहे हैं। जबकि संस्कृत शिक्षण, वास्तु, ज्योतिष के पाठ्यक्रमों के साथ मुक्त स्वाध्याय पीठ में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से भी पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। Koo App Good news! Sanskrit education to create more employment opportunities! ???? #TransformingIndia View attached media content - MyGovIndia (@mygovindia) 11 May 2022 'ज्ञानवापी मस्जिद की दीवार पर दिखा स्वास्तिक और ब्रह्माजी का कमल', सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा भूकंप के झटकों से हिला पिथौरागढ़, हुआ ये हाल खुशखबरी! UP में अब हर साल होगी 12 हजार होमगार्ड की भर्ती, योगी सरकार ने किया बड़ा ऐलान