रमजान में रोजा रखने वाले मुस्लिम भाई-बहनो को 18 साल से खाना खिला रही हिन्दू महिला

नई दिल्ली : इन दिनों मुस्लिमों का पाक रमजान का महीना चल रहा है.नेक नीयती और इमदाद का दौर जारी है. देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया भर से भारी संख्या में लोग दुआएं मांगने हजरत निजामुद्दीन दरगाह पर आते हैं.रमजान में वैसे तो मुसलमान ही रोजा और इफ्तारी करते हैं लेकिन कुछ ऐसे हिन्दू भी हैं जो दूसरों के लिए इफ्तारी का इंतजाम कर सवाब कमाते हैं. किरण शर्मा भी ऐसी ही महिला हैं, जो वह गत 18 वर्षों से हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर माथा टेकने आती हैं और अपने खर्चे पर जरूरतमंदों को रोजा-इफ्तार करा रही हैं.

दरअसल हुआ यूँ कि किरण शर्मा और उनकी बेटी एक हादसे का शिकार हो गई थीं. जिसमें उनकी बेटी के बचने की उम्मीद बहुत कम थी.इस पर उन्होंने हजरत निजामुद्दीन औलिया से अपनी बेटी के स्वस्थ होने की दुआ मांगी. उनकी दुआ कुबूल हुई .उनकी बेटी एकदम ठीक हो गई . उस घटना को आज 18 साल हो गए हैं और वह हर साल रमजान के माह में यहां आती हैं और लोगों को रोजा-इफ्तार कराती हैं.

जहां तक हजरत निजामुद्दीन दरगाह की बात है तो रमज़ान के पाक महीने में यहां की रौनक कुछ और ही होती है. दरगाह के चीफ इंचार्ज अफसर निजामी का कहना है कि रोजाना यहां कई लोग आते हैं. इन लोगों में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी शामिल होते हैं.निजामी ने कहा कि राजनीति हिंदू-मुस्लिम को बांटने का काम कर रही है. मगर वे फिर भी हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते रहते हैं. किरण शर्मा भी पिछले 18 सालों से रोजा-इफ्तार आयोजित कर कुछ ऐसी ही कोशिश कर रही हैं. वे दुआ कर रहे हैं कि जिससे देश भर में एकता और सामंजस्य बना रहे.

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