देश में इस बार 13 अप्रैल 2021 को विक्रम संवत 2078 को हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा। नया साल लगने पर नया संवत्सर शुरू होता है। शास्त्रों में कुल 60 संवत्सर बताए गए हैं। हिंदू नववर्ष 2078 पर इस बार 90 वर्ष पश्चात् एक अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिर्विद के अनुसार, ये संयोग कष्ट देगा या जीवन में आनंद लेकर आएगा। संवत्सर का अर्थ 12 माह की काल अवधि है। सूर्य सिद्धांत के मुताबिक, संवत्सर बृहस्पति ग्रह के आधार पर तय किए जाते हैं। बृहस्पति प्रत्येक 12 वर्ष में सूर्य का एक चक्कर पूरा करता है। इन 60 संवत्सर मतलब 60 वर्षों के तीन भाग होते हैं। संवत्सर के पहले भाग को हम ब्रम्हा जी से जोड़ते हैं। इसे ब्रम्हविंशति बोलते हैं। दूसरे हिस्से को विष्णुविंशति बोलते हैं तथा इसके आखिरी हिस्से को शिवविंशति बोलते हैं। संवत्सर मतलब हिंदू वर्ष, हर साल का अलग-अलग नाम होता है। शास्त्रों के मुताबिक, 2078 संवत्सर का नाम आनंद होगा। इसके असर से आपके जीवन में आनंद आएगा। महामारी का असर कम पड़ जाएगा। इस संवत्सर के स्वामी भग देवता हैं। इनके आगमन से व्यक्तियों के बीच खुशियां आती हैं। 13 अप्रैल को मंगलवार का दिन है और इसी दिन से प्रतिप्रदा भी इसी दिन से है तो इस संवत्सर का राजा मंगल होगा। नया विक्रम संवत 2078 वृषभ लग्न तथा रेवती नक्षत्र में आरम्भ होगा। इस बार अमावस्या तथा नव संवत्सर के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों मीन राशि में ठीक एक ही अंश पर रहेंगे। मतलब मीन राशि में नया चंद्रमा उदय हो जाएगा। वृषभ राशि में मंगल तथा राहु दोनों ही उपस्थित रहेंगे। राजा, मंत्री और वर्षा इन तीनों का अधिकार मंगल के पास है। 2078 का संवत वर्ष कहता है कि इस वर्ष बेहद अधिक गर्मी पड़ने वाली है, बरसात थोड़ी कम होगी। इस बार वित्त का अधिकार भी बृहस्पति के पास है तो पुरे विश्व की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आज इन राशिवालों के लिए विषम परिस्थिति वाला रहेगा दिन, जानिए क्या कहता है आपका राशिफल इस दिन से शुरू होंगे सभी शुभ कार्य, जानिए क्या है महत्व? सपने में अगर हो जाए व्यक्ति की मौत तो समझिये टल गया संकट, जानिए क्या है सांप दिखने का अर्थ?